शिमला, 11 अगस्त। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज शिमला के समीप क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केन्द्र क्रेगनेनो मशोबरा का दौरा किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह केन्द्र डा. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वाणिकी विश्वविद्यालय नौणी का एक महत्वपूर्ण संस्थान है, जहां सेब की विभिन्न किस्मों पर शोध कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों को इस संस्थान में सेब की अधिक पैदावार वाली उत्तम किस्मों के विकास पर कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र शीतोष्ण बागवानी में शोध और तकनीक को स्थानांतरित करने मे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रदेश में विशेषकर सेब उत्पादित क्षेत्रों में फल उत्पादकों को विभिन्न किस्मों की शोध का लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उच्च घनत्व, उच्च उत्पादन और रोग प्रतिरोधक सेब की किस्मों पर शोध कार्य किया जाना चाहिए ताकि प्रदेश की सेब आधारित आर्थिकी को मज़बूती मिले।
उन्होंने सेब के लिए 276, नाशपाती की 79 और चैरी की 46 किस्मों वाले जर्मप्लाजमा केन्द्र पर सन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि बागवानी के सम्बन्ध में प्रशिक्षक, किसान, प्रशिक्षण और क्षेत्रों के दौरे से तकनीक को प्रयोगशाला से निकाल कर जमीनी स्तर पर स्थानांतरित करने पर विशेष बल दिया जाना चाहिए। राज्यपाल ने केन्द्र परिसर में हिमालयन हाइपैरिकम के पौधे भी रोपित किए।