हिमाचल में धूमधाम से मना कारगिल विजय दिवस

जयराम ठाकुर ने शिमला में सम्मानित किया कारगिल शहीदों के परिजनों को

शिमला, 26 जुलाई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला के गेयटी थियेटर में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धाजंलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध भारतीय सैनिकों के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है। आज के दिन हम अपने उन शूरवीरों को नमन करते हैं जिन्होंने अपने अदम्य साहस और वीरता से कारगिल के युद्ध में विजय हासिल की। उन्होंने कहा कि 22 वर्ष पूर्व कारगिल की चोटियों पर जो विजय गाथा लिखी गई वह हमारी पीढि़यों को प्रेरित करती रहेंगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1999 में कारगिल की पहाडि़यों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया था, जिसके खिलाफ भारतीय सेना ने आॅप्रेशन विजय चलाया जो आठ मई से शुरू होकर 26 जुलाई, 1999 तक चला।

जय राम ठाकुर ने कहा कि कारगिल में ऑप्रेशन विजय के दौरान मिली जीत इस देश के सैनिकों के अदम्य साहस और संकल्पों की जीत थी। उन्होंने कहा कि जिन वीर सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया उन्हें उनकी वीरता के लिए सदैव स्मरण किया जाएगा। युद्ध के दौरान देश के 527 वीर सैनिक शहीद हुए और 1300 से अधिक घायल हुए थे। हिमाचल प्रदेश को वीरभूमि के नाम से जाना जाता है और प्रदेश के रणबांकुरों ने साहस और बलिदान की परम्परा को बनाए रखा है तथा भारतीय सेना में सेवा करते हुए प्रदेश का गौरव बढ़ाया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान 527 शहीद सैनिकों में 52 सैनिक हिमाचल प्रदेश के थे और चार सैनिकों को परमवीर चक्र से नवाजा गया था जिनमें दो वीर सपूत हिमाचल प्रदेश के थे। कैप्टन विक्रम बत्रा हिमाचल प्रदेश के पालमपुर के थे जिन्होंने कारगिल युद्ध के दौरान देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस युद्ध में जिला बिलासपुर के सैनिक हवलदार संजय कुमार को भी अतुलनीय शौर्य के लिए सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि अब तक राज्य को 1096 वीरता पुरस्कार मिल चुके हैं। प्रदेश के 1246 वीर सपूतों ने मातृ भूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युद्ध व अन्य सैन्य ऑप्रेशनों में शहीद सैनिकों तथा अन्य कारणों से मारे गए सैनिकों के आश्रितों और अपंग हुए सैनिकों को अनुग्रह अनुदान राशि प्रदान की जा रही है। कारगिल युद्ध के दौरान प्रदेश के सभी 52 शहीद सैनिकों के आश्रित परिवारों को पांच लाख रुपये की दर से अनुग्रह अनुदान राशि प्रदान की गई है। 50 प्रतिशत से अधिक अपंगता वाले 12 सैनिकों को 2.5 लाख रुपये की दर से अनुग्रह अनुदान राशि तथा 50 प्रतिशत से कम अपंगता वाले छः सैनिकों के लिए एक लाख रुपये की दर से अनुग्रह अनुदान राशि दी गई है। प्रदेश के 52 शहीदों के परिवारों में से 44 परिवारों के एक-एक आश्रित को उनके रोजगार के लिए आवेदन उपरान्त रोजगार और नौ अपंग हुए सैनिकों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कारगिल युद्ध में शहीद सैनिकों के परिवारों को भी सम्मानित किया।