हिमाचल में 12वें इन्क्यूबेटर सेंटर के लिए उद्योग विभाग व एनआईएफटी के बीच समझौता हस्ताक्षरित
शिमला, 19 जुलाई। उद्योग विभाग और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) कांगड़ा ने नवाचार परियोजनाओं के लिए पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने और उद्यमशीलता उद्यमों की मदद के लिए स्टार्टअप स्थापित करने के उद्देश्य से इनक्यूबेटर/होस्ट संस्थान की सहायता के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एनआईएफटी एआई लैब और एआरवीआर लैब सुविधा वाला एक अत्याधुनिक केंद्र है जो युवा उद्यमियों को अपने विचारों के साथ प्रयोग करने में मदद करेगा। हिमाचल प्रदेश में स्थापित किया जा रहा यह 12वां इन्क्यूबेशन सेंटर है।
उद्योग विभाग की ओर से निदेशक राकेश कुमार प्रजापति जबकि एनआईएफटी की ओर से निदेशक आकाश देवांगन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
उद्योग विभाग के एक प्रवक्ता ने आज शिमला में कहा कि व्यक्तिगत नवोन्मेषकों की रचनात्मकता को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इन इन्क्यूबेटरों के माध्यम से छोटे और मध्यम उद्यमों के स्टार्ट-अप एवं उद्यमशीलता और प्रबंधकीय विकास के लिए सहायता प्रदान करने के लिए एक योजना तैयार की है। इस योजना में नवोन्मेष शृंखला के महत्वपूर्ण घटकों के साथ नवोन्मेषकों के लिए जुड़ाव की परिकल्पना की गई है ताकि ऐसे संस्थानों में उपलब्ध जानकारी, विशेषज्ञता, सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का लाभ उठाया जा सके।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एनआईएफटी, छेब को सहयोगद देगी और यह संस्थान स्टार्ट-अप नीति और दिशा-निर्देशों के प्रावधानों के अनुसार उद्यमिता विकास गतिविधियों के रूप में व्यवसाय को बल देगा।
पैनलबद्ध इनक्यूबेटर की गतिविधियों में हस्तशिल्प, बैग, चमड़ा, गहने, फर्नीचर, मिट्टी के बर्तन, फैशन के वस्त्र, खिलौनों के लिए डिजाइन तैयार करने, परिधान उत्पादन और डिजाइनिंगख्बांस शिल्प और लकड़ी प्रसंस्करण आदि शामिल होंगे। प्रवक्ता ने कहा कि यह समझौता राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा और हथकरघा और हस्तशिल्प गतिविधियों को पुनर्जीवित करने में भी मदद करेगा। खासतौर पर प्रदेश के युवाओं के सपनों साकार करने में यह वरदान साबित होगा।