गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामला
सजा पर सुनवाई अब 15 जून को होगी
शिमला, 8 जून। शिमला जिले के बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले में नीलू नामक लकड़हारे की सजा पर सुनवाई आज भी नहीं हो पाई। कर्फ्यू की बंदिशों के चलते दोषी को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश नहीं किया जा सका। विशेष न्यायाधीश राजीव भारद्वाज ने दोषी को सजा सुनाने के लिए 15 जून की तिथि निर्धारित की है। कोरोना कर्फ्यू के कारण अदालत लगातार पांच बार सजा पर सुनवाई टाल चुकी है। विगत 28 अप्रैल को सीबीआई की विशेष अदालत ने भारतीय दंड संहिता और बच्चों के यौन अपराध संरक्षण कानून की विभिन्न धाराओं के तहत नीलू को दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया था और 11 मई को दोषी को सजा सुनाने की तिथि निर्धारित की थी। लेकिन कोरोना कर्फ्यू लागू होने के चलते अदालत ने मामले की सुनवाई 18 मई को बढ़ा दी थी। इसके बाद 28 मई, फिर 3 जून और अब 15 जून को आगे बढ़ा दी गई है।
उल्लेखनीय है कि अप्पर शिमला के कोटखाई इलाके में वर्ष 2017 में जुलाई माह के पहले सप्ताह में जघन्य वारदात हुई थी। 4 जुलाई, 2017 को एक छात्रा स्कूल से लौटते समय लापता हो गई थी। 6 जुलाई 2017 को कोटखाई के तांदी के जंगल में पीड़िता का शव मिला।
किशोरी के साथ दरिंदगी की इस वारदात के खिलाफ जबरदस्त जनाक्रोश देखने को मिला था। इसके बाद प्रदेश हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई ने गुड़िया रेप-मर्डर और सूरज हत्याकांड में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए। सीबीआई ने सूरज हत्याकांड में आईजी जैदी सहित नौ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। बाद में इस मामले में एक नया मोड़ आया और इन सभी आरोपियों को जेल से रिहा कर दिया गया।
सीबीआई ने डीएनए परीक्षण के आधार पर अप्रैल 2018 को नीलू नामक लकड़हारे को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने मामले की जांच के दौरान कोटखाई और आसपास के गांवों के सैकड़ों लोगों से पूछताछ की थी तथा बड़ी संख्या में लकड़हारों के खून के नमूनों भी लिए गए थे। इस मामले में सीबीआई ने 55 गवाहों के बयान दर्ज किए।