हिमाचल में आज से प्रवेश केवल ई-पास से

हिमाचल में आज से प्रवेश केवल ई-पास से

शिमला, 27 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में अब केवल ई-पास से ही प्रवेश हो सकेगा। राज्य में आने वाले लोगों के लिए आज से प्रदेश के दरवाजे बंद हो गए हैं और अब उन्हें ई-पास अथवा ऑनलाईन पंजीकरण के बाद ही प्रदेश में प्रवेश मिलेगा। यही नहीं कांगड़ा जिला प्रशासन ने बिना कर्फ्यू पास के जिले में प्रवेश पर भी रोक लगा दी है। ये फैसला प्रदेश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लिया गया है। राज्य के सीमांत जिले कांगड़ा, ऊना, सोलन और सिरमौर कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसके अलावा शिमला, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में भी कोरोना हर रोज नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। यही कारण है कि चार सीमांत जिलों में जहां सरकार ने कोरोना कर्फ्यू लगा रखा है वहीं अन्य जिलों में अब बंदिशें बढ़ा दी गई हैं।

इस बीच प्रदेश के बाहर जाने वालों को भी अब ई-पास लेना जरूरी होगा। इसी पास के आधार पर राज्य के बाहर जाने वाले लोगों को वापिस प्रदेश में आने की इजाजत मिलेगी अन्यथा उन्हें 14 दिन का क्वारंटीन काटना होगा। यही नहीं बिना पंजीकरण अथवा ई-पास से आज और कल में प्रदेश से बाहर गए लोगों को भी अब प्रदेश में आने के लिए ई-पास की जरूरत होगी। ऐसा न होने पर इन्हें 14 दिन क्वारंटीन में रहना होगा। हालांकि सरकार ने बाहर से राज्य में बिना पास अथवा पंजीकरण के आने वाले लोगों को 14 दिन के क्वारंटीन के दौरान सातवें दिन कोरोना टेस्ट करवाने की इजाजत का ऐलान किया है। ऐसे में यदि बाहर से आए लोगों का कोरोना टेस्ट सातवें दिन नेगेटिव आता है तो उन्हें प्रदेश में कहीं भी बाहर जाने की इजाजत मिल जाएगी।

शिमला में नई बंदिशें

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और जिले के अन्य हिस्सों में कोरोना के मामले में तेजी से हो रही वृद्धि को रोकने के लिए जिलाधीश ने आज नई बंदिशों का ऐलान किया है। इसके तहत जहां राज्य के बाहर आने-जाने वालों के लिए ई-पास अनिवार्य कर दिए गए हैं वहीं इस पास पर प्रदेश लौटने वाले लोगों के लिए 72 घंटों के भीतर आरटीपीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर ई-पास पर आने वाले लोगों को 14 दिन क्वारंटीन में रहना अनिवार्य होगा।

आईजीएमसी शिमला में सरप्लस ऑक्सीजन

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में ऑक्सीजन सरप्लस है। जानकारी के अनुसार यहां हर रोज ऑक्सीजन के 600 सिलेंडर भरे जा रहे हैं। हालांकि इतने सिलेंडरों की यहां खपत नहीं है। ऐसे में यहां से अन्य अस्पतालों को भी ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की जा रही है। यही नहीं अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए आने वाले समय में अस्पताल के ऑक्सीजन प्लांट की क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा है।