हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी एसडीएम को दी अंतरिम अग्रिम जमानत

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी एसडीएम को दी अंतरिम अग्रिम जमानत
शिमला, 06 अक्तूबर।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी एसडीएम ऊना विश्व मोहन देव चौहान को अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। कोर्ट ने प्रार्थी को अंतरिम राहत देते हुए सरकार को 16 अक्टूबर तक स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि दोनों पक्ष आपस में शादी करने के इच्छुक हैं और बड़े बुजुर्ग इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। इस पर कोर्ट ने प्रार्थी को अंतरिम राहत देने का निर्णय सुनाया और उसे जांच में सहयोग करने के आदेश जारी किए।
इस मामले पर न्यायाधीश राकेश कैंथला के समक्ष सुनवाई हुई। कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई में आरोपी को अंतरिम अग्रिम जमानत प्रदान करने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए थे।
कोर्ट ने याचिका में दिए तथ्यों के आधार पर कहा था कि प्राथमिकी में लगाए आरोपों से पता चलता है कि याचिकाकर्ता ने 10.8.2025 को पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता रोई और याचिकाकर्ता ने उससे शादी का वादा किया। उसने पीड़िता को 20.8.2025 को विश्राम गृह में बुलाया, जहाँ उसने फिर से उसके साथ दुष्कर्म किया। उसने घटना का वीडियो रिकॉर्ड किया और उसे वायरल करने की धमकी दी। पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट ने इन सभी आरोपों को देखते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टया पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है। कोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला दिया था जिसमें यह निर्धारित किया गया है कि बलात्कार के मामले में गिरफ्तारी से पहले जमानत नहीं दी जानी चाहिए। इसलिए कोर्ट ने कहा था कि प्रार्थी को गिरफ्तारी से पहले अंतरिम जमानत देने के लिए पर्याप्त सामग्री नहीं है।
उल्लेखनीय है कि एक युवती ने एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान पर गंभीर आरोप लगाए थे। युवती ने बताया था कि विश्व मोहन देव चौहान से उसकी बातचीत सोशल मीडिया के जरिये हुई थी। इस दौरान एसडीएम ने उसे अपने दफ्तर मिलने बुलाया था औऱ बाद में कोर्ट चैम्बर में उसके साथ जबरन संबंध बनाए। बाद में 10 अगस्त को सरकारी रेस्ट हाउस में भी उसे बुलाया और फिर दुष्कर्म किया।