हिमाचल नहीं करेगा पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे बंद
कोरोना मामलों में वृद्धि के बावजूद पर्यटन निगम के होटलों में मिलेगी 30 प्रतिशत की छूट
शिमला। कोरोना संक्रमण भले ही देश भर में कहर बरपा रहा है और हिमाचल में भी कोरोना की स्थिति लगातार विस्फोटक बनी हुई है तथा हर रोज मौतों और कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है। इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश पर्यटकों के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं करेगा। यही नहीं प्रदेश में घूमने आने वालों के लिए किसी तरह के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट भी नहीं होगी। इसके विपरीत हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम राज्य में घूमने आने वाले पर्यटकों को अपने होटलों में 30 प्रतिशत तक की छूट देगा। प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने 16 से 30 अप्रैल के बीच हिमाचल आने वाले और निगम के होटलों में ठहरने वाले पर्यटकों को 30 प्रतिशत तक की छूट देने का फैसला किया है। ये छूट ऑनलाईन और ऑफलाईन दोनों स्थितियों में पर्यटकों को उपलब्ध होगी। पर्यटन विकास निगम के मुताबिक ये छूट निगम के 55 होटलों में दी जाएगी। इनमें प्रदेश की राजधानी शिमला सहित अन्य प्रमुख पर्यटक स्थलों पर स्थित होटल भी शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक पर्यटन विकास निगम ने ये फैसला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की उस घोषणा के बाद किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार पर्यटकों के लिए राज्य के दरवाजे बंद नहीं करेगी। क्योंकि कोरोना महामारी के चलते पर्यटन उद्योग वर्ष 2020 में पहले ही अत्यधिक मंदी झेल चुका है। ऐसे में अब राज्य का पर्यटन उद्योग और अधिक नुकसान सहने की स्थिति में नहीं है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पर्यटन उद्योग की हिस्सेदारी 7 प्रतिशत है। हिमाचल में हर वर्ष लगभग 2 करोड़ घरेलू और विदेशी पर्यटक घूमने पहुंचते हैं और इनमें हर साल वृद्धि जारी है। पर्यटन उद्योग के चलते जहां हजारों लोगों को राज्य में प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध है वहीं परोक्ष रूप से भी लाखों लोग पर्यटन उद्योग से जुड़े हैं। खासकर प्रदेश में टैक्सी आप्रेटर और शिमला, कुफरी, नालदेहरा, खजियार, मनाली और रोहतांग जैसे पर्यटक स्थलों पर हजारों की संख्या में घोड़ा मालिक पर्यटन के कारोबार में लगे हुए हैं। इसी तरह के अन्य व्यवसायों में भी पर्यटन के चलते हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार ने अब कोरोना की दूसरी लहर के बावजूद पर्यटक की आमद को नहीं रोकने का निर्णय लिया है। हालांकि इसके विपरीत लाहौल स्पिति जिला प्रशासन ने बीते रोज ही जिले में प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। हालांकि इसमें पर्यटकों का जिक्र नहीं है और केवल जिले में आने वाले प्रवासी मजदूरों तथा जिले में आने वाले व्यवसयियों का ही जिक्र किया गया है।