सीमित लॉकडाउन का विकल्प खुला रखे हिमाचल सरकार : रोहित ठाकुर

शिमला, 2 मई। कोरोना महामारी के बढ़ते कहर और गम्भीरता को देखते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता मिले इसलिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को स्वास्थ्य विभाग की कमान अपने हाथों में ले लेनी चाहिए।  यह बात पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व जुब्बल कोटखाई के पूर्व विधायक रोहित ठाकुर ने कही। कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए प्रदेश सरकार को केंद्र के दबाव में न आकर जनहित में सीमित लॉकडाउन का विकल्प खुला रखना चाहिए। जीवन और जीविका दोंनो ही महत्वपूर्ण है। यदि लॉकडाउन लगता है तो सरकार लोगों को कम से कम 48 घण्टे का समय तैयारी के लिए दे।

शिमला से जारी बयान में रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल में उद्योग व कृषि क्षेत्र प्रवासी मजदूरों पर निर्भर हैं। प्रवासी मजदूर पलायन न करें इसके लिए प्रदेश सरकार को दिल्ली सरकार की तर्ज पर आर्थिक मदद करनी चाहिए। कृषि एवं बागवानी क्षेत्र को सरकार नजरअंदाज न करें बल्कि कृषि व बागवानी क्षेत्र की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। सरकार पर्यटन उद्यमियों की सहायता करने के लिए आगे आए।  हिमाचल प्रदेश के लिए राहत की बात है कि नालागढ़-बद्दी  में  पास फार्मा क्षेत्र का बड़ा हब है फिर भी सरकार सुनिश्चित करें कि ज़्यादा से ज़्यादा जीवन रक्षक दवाईयां उपलब्ध हो व कालाबाजारी पर अंकुश लगे।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में केंद्र सरकार की न तो कोई सोच रही न ही कोई नीति। सरकार का पूरा ध्यान पांच राज्यों के चुनाव को हर कीमत पर जीतने में ही केंद्रित रहा जिसका खामियाजा आज जनता को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को कोरोना महामारी से लड़ने की तैयारी के लिए एक वर्ष मिला था जिसका केंद्र सरकार सदुपयोग नहीं कर पाई। जहां देश में वैक्सीन के तीन अलग-अलग मूल्य निर्धारित किए गए हैं, वहीं 18-44 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों के लिए 1 मई से प्रस्तावित वैक्सीन टीकाकरण का कार्यक्रम ज्यादातर राज्यों में  वैक्सीन की कमी के कारण रद्द हो गया है।