विपक्ष ने बजट की कमियां गिनाई, सत्तापक्ष ने किया बजट का गुणगान

हिमाचल विधानसभा बजट सत्र

विपक्ष ने बजट की कमियां गिनाई, सत्तापक्ष ने किया बजट का गुणगान

रमेश धवाला ने सुरक्षा पेंशन पर सरकार की योजना पर लगाया सवालिया निशान

शिमला, 10 मार्च। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य के वर्ष 2021-22 के बजट पर आज तीसरे दिन भी चर्चा जारी रही। चर्चा में विपक्षी दल कांग्रेस ने जहां बजट की कमियां गिनाई और इसका विरोध किया, वहीं सत्ता दल भाजपा के रमेश धवाला ने अपनी पत्नी के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन लेने से इनकार कर अपनी ही सरकार की योजना पर सवालिया निशान लगा दिया।

चर्चा में हिस्सा लेते हुए रमेश धवाला ने कहा कि सरकार ने भले ही बजट में 65 से 69 वर्ष तक की सभी महिलाओं को एक हजार रुपए मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने का निर्णय लिया है, लेकिन ये पेंशन समाज के सबसे निर्धन वर्ग की महिलाओं की ही दी जानी चाहिए, जबकि संभ्रांत परिवारों की महिलाओं को इसमें शामिल नहीं किया जाना चाहिए। अपनी पत्नी के लिए यह पेंशन लेने से भी धवाला ने इनकार किया।

रमेश धवाला ने प्रदेश सरकार को फिजूलखर्ची पर तुरंत अंकुश लगाने और अफसरशाही की जवाबदेही तय करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अफसरशाही में कटौती भी की जानी चाहिए तथा निचले स्तर पर अधिक कर्मचारियों की भर्ती होनी चाहिए। उन्होंने राज्य पथ परिवहन निगम का उदाहरण देते हुए कहा कि निगम में एक सौ से अधिक आरएम मौजूद हैं, जबकि निगम के पास बसों में टिकट काटने के लिए कंडक्टर नहीं है। उन्होंने सरकारी अधिकारियों के लिए गाड़ियों में सफर की अधिकतम सीमा तय करने का भी सुझाव दिया।

धवाला ने एचआरटीसी के पेंशनरों के लिए पर्याप्त धनराशि का बजट में प्रावधान करने की भी मांग की। उन्होंने राज्य में बेरोजगारी की बढ़ती समस्या के दृष्टिगत स्वरोजगार की बड़े पैमाने पर योजनाएं बनाने का सुझाव दिया।

कांग्रेस के रामलाल ठाकुर ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए खैर के अवैध कटान का मुद्दा उठाया और कहा कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर हरे पेड़ों का कटान हो रहा है। उन्होंने खेल विभाग में कोचों के खाली पड़े पदों को तुरंत भरने की भी मांग की और कहा कि विभाग की हालत खस्ता है। ऐसे में प्रदेश में अच्छे खिलाड़ी तैयार नहीं किए जा सकते। राम लाल ठाकुर ने नशाखोरी के दलदल में फंसे युवाओं को इससे बाहर लाने, कर्मचारियों के एनपीएस के पैसे पर टैक्स न लगाने और पुलिस कर्मियों के अनुबंध की अवधि को तुरंत कम कर अन्य कर्मचारियों के समान लाने की भी मांग की। राम लाल ठाकुर ने किसान आंदोलन को नजरअंदाज करने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाया और कहा कि अब तक 288 किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हो चुकी है।

कांग्रेस विधायक हर्षवर्धन चौहान ने सरकार में उच्च स्तर पर बैठे लोगों के खर्चे कम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अफसरशाही गाड़ियों पर बहुत अधिक खर्च कर रही है, जिस पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की अफसरशाही का रवैया नकारात्मक है और इसमें तुरंत बदलाव लाने की जरूरत है। चौहान ने दिहाड़ी बढ़ाने के बजाय न्यूनतम वेज निर्धारित करने की सरकार से मांग की ताकि इन्हें निजी क्षेत्र मानने के लिए बाध्य हो और युवाओं का शोषण रुक सके। उन्होंने पुलिस कर्मचारियों की अनुबंध अवधि भी तुरंत घटाने की मांग की। हर्षवर्धन चौहान ने दावा किया कि महंगाई के चलते प्रदेश में रसोई गैस की खपत कम हो गई है और सरकार की नि:शुल्क रसोई गैस की योजना का लोग लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। उन्होंने बजट को दिशाहीन बताते हुए इसका विरोध किया।

भाजपा सदस्य नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि जयराम ठाकुर सरकार के सत्ता में आने के बाद आरंभ की गई सभी योजनाएं लगातार चल रही हैं। उन्होंने कहा कि हिमकेयर और सहारा जैसी योजनाएं का अब तक प्रदेश के लाखों लोग लाभ उठा चुके हैं। अब प्रदेश में पहली बार पैट स्कैन सुविधा शुरू होने जा रही है। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न कॉलेजों में सैल्फ फाइनेंसिंग के तहत पढ़ा रहे शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन देने की भी मांग की और कहा कि इस योजना के तहत शिक्षा विभाग के पास अब तक 44 करोड़ रुपए एकत्र हो चुका है। उन्होंने निजी बस आपरेटरों को कोरोना महामारी के दृष्टिगत करों में छूट देने की भी मांग की।

कांग्रेस सदस्य विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में जिस भी सरकार को कर्मचारियों की बददुआ लगी है, वह कभी सत्ता में रिपीट नहीं की है। उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि जिस तरह से उत्तराखंड में राजनीतिक धमाका हुआ है, कुछ दिनों बाद हिमाचल में भी ऐसा ही देखने को मिले। उन्होंने सरकार को अपने वित्तीय संसाधन देखकर घोषणाएं करने करने की सलाह दी और कहा कि सरकार ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने का बजट में कोई जिक्र नहीं किया है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार का अधिकांश पैसा गैर-विकासात्मक गतिविधियों और ऋण लौटाने पर ही खर्च हो रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार के जनमंच कार्यक्रम को झंडमंच भी करार दिया और कहा कि यह मंच अधिकारियों को अपमानित करने का मंच बन गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार सोशल मीडिया के माध्यम से विपक्ष का गला घोंटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बजट को दिशाहीन बताते हुए इसका विरोध किया।

भाजपा सदस्य सुभाष ठाकुर ने दावा किया कि प्रदेश सरकार ने यदि कर्ज लिया है तो वह प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने और अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए लिया है। उन्होंने बेरोजगारी को पूर्व कांग्रेस की देन बताया और कहा कि कांग्रेस हमेशा ही युवा विरोधी रही है।