आज 26 अगस्त 2020 को बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति प्रस्तावित हवाई अड्डा क्षेत्र में मानव श्रृंखला 30 जगह बनाई और बल में प्रस्तावित हवाई अड्डे का पुरजोर विरोध किया गया जिसमें महिला किसानों और नौजवानों ने बड़े स्तर पर भाग लिया ! बल्ह की जनता सरकार से जानना चाहती है कि बल्ह बहू फसली क्षेत्र है यहां नगदी फसलों की आधुनिक तरीके से खेती होती है और इसे मिनी पंजाब के नाम से भी जाना जाता है इसे क्यों उजाड़ा जा रहा है ? सरकार रोजगार नहीं दे रही है बल्ह का पढ़ा-लिखा बेरोजगार नौजवान नगदी फसलें उगा कर अपना परिवार पाल रहा है उसे क्यों उजाड़ा जा रहा है प्रस्तावित हवाई अड्डे से करीब 10000 की आबादी उजड़ेगी कहां जाएगी ? सरकार द्वारा घोषित सर्कल रेट के हिसाब से एक बड़े क्षेत्र के रेट डेढ़ से साढ़े चार प्रति बीघा है यह क्या मजाक है ? वर्तमान में किसान डेढ़ से दो लाख प्रति बीघा टमाटर की अकेली फसल से कमाते हैं जबकि इसके अलावा धान , गोभी ,पालक ,सरसों ,मूली और कई प्रकार की सब्जियां उगाई जा रही हैं इसको क्यों उजाड़ा जा रहा है ? इस क्षेत्र में किसानों के पास पूरी कृषि मशीनरी है और इसके अलावा निर्माण मशीनरी है उद्योग हैं छोटी दुकानदारी है कुछ बड़ी व्यापारिक गतिविधियां हैं यह सब तबाह हो जाएगा इसे क्यों उजाड़ा जा रहा है ? अधिकतर आबादी दलित ओबीसी और अल्पसंख्यक है सरकारी इन्हें उजाड़ने पर क्यों तूली है? सड़क ,पानी, बाजार, स्वास्थ्य शिक्षा व आधुनिक सुविधाओं से भरपूर है। इस क्षेत्र की जनता को क्यों उजाड़ा जा रहा है ? प्रस्तावित हवाई अड्डे की परियोजना को लेकर सरकार लगातार एक तरफ आगे बढ़ रही है बल्ह का किसान दूसरी तरफ लगातार सरकार के इस फैसले से रुष्ट है और संघर्षरत है कई बार ज्ञापन दिए धरने दिए रैलियां करी परंतु यह सरकार किसान विरोधी नीतियों को लगातार आगे बढ़ा रही है! कोविड-19 को मध्य नजर रखते हुए आज पूरे बल्ह क्षेत्र में जहां पर प्रस्तावित हवाई अड्डा बनना है कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए हाथ में पोस्टर लेकर अपने गुस्से का इजहार करते हुए मानव श्रृंखला बनाई और सरकार को चेताया की किसान एक है नौजवान और महिला किसान के साथ बिल्कुल कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और किसी भी हालत में हवाई अड्डे को अपनी जमीन नहीं देंगे ! आज दिनक डोगराई में साथी इस्माइल मोहम्मद चुन्नीलाल गुलाम रसूल मोहम्मद सादिक रियाज रफीक सलीम अंसारी के नेतृत्व में 9 जगह श्रृंखला बनाई गई! भोर में तीन जगह, धाबन में तीन जगह सियाह में साथी नरेंद्र सेन ,जयराम सैनी और नंदलाल वर्मा के नेतृत्व में चार जगह, टांव में साथी प्रेम सैनी ,श्यामलाल ,प्रेम दासचौधरी ,भागीरथ चौधरी जगदीश चंद्र ,हरिराम चौधरी के नेतृत्व में पांच जगह, कुम्मी में दो जगह साथी भवानी सिंह, लाल सिंह ,प्रदीप कुमार , नरेंद्र कुमार , नेतृत्व में , कटियाल में एक जगह साथी नरेंद्र कुमार के नेतृत्व में, छात्रों में तीन जगह साथी हरिराम के नेतृत्व में हाथ में बैनर पोस्टर लेकर के सरकार के फैसले का विरोध किया गया ! हजारों महिला नौजवानों और किसानों ने इस मानव श्रृंखला में भाग लिया और यदि सरकार अब भी नहीं सुनती तो मजबूरन संघर्ष को और तेज करना पड़ेगा !