आत्मनिर्भर भारत
भारतीय सेना देगी ड्रोन प्रतियोगिता के माध्यम से स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा
सेना की सूर्य कमान हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी में करेगी सूर्य ड्रोनोथन का आयोजन करेगी
शिमला, 29 जुलाई।
भारतीय सेना की सूर्य कमान, ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से, सूर्य ड्रोनोथन 2025 का आयोजन करने जा रही है। ये अपनी तरह की प्रथम ड्रोन प्रतियोगिता है। यह प्रतियोगिता देश भर के प्रतिभाशाली फ्रीलांसरों और मूल उपकरण निर्माताओं को एक साथ लाएगी। यह अभिनव आयोजन हिमाचल प्रदेश की स्पीति घाटी के चुनौतीपूर्ण लेकिन मनमोहक वातावरण में, समदो में आयोजित किया जाएगा। यहां प्रतिभागियों को 10,700 फीट की ऊँचाई पर स्थित देश के सबसे ऊँचे ड्रोन बाधा कोर्स का सामना करना होगा।
सूर्या ड्रोनोथन 2025 का उद्देश्य अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक का उपयोग करना और रक्षा क्षेत्र में नवाचार के एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है, जो आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण और भारतीय सेना की तकनीकी उन्नति की खोज के अनुरूप है। भारतीय सेना की उभरती ऑपरेशनल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्नत ड्रोन समाधानों के विकास को प्रोत्साहित करके, यह प्रतियोगिता ड्रोन तकनीक के नवीन डिज़ाइनों, तकनीकी सफलताओं और नवीन सैन्य अनुप्रयोगों को प्रदर्शित करने के लिए एक गतिशील मंच के रूप में कार्य करेगी।
प्रतियोगिता के प्रमुख उद्देश्यों में भारत में उन्नत ड्रोन प्रणालियों के स्वदेशी अनुसंधान, विकास और निर्माण को बढ़ावा देना, वर्तमान और भविष्य की ऑपरेशनल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अगली पीढ़ी के समाधानों की पहचान करना और भारतीय सेना, व्यक्तिगत नवप्रवर्तकों, स्टार्टअप्स और स्थापित रक्षा निर्माताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है।
प्रतियोगिता में कई चरण होंगे, जिनमें बाधा पारण, धीरज दौड़ आदि शामिल हैं। प्रतियोगिता दो चरणों में आयोजित की जाएगी। चरण एक 10 से15 अगस्त और चरण दो 20 से 24 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। ऑनलाइन पंजीकरण की अंतिम तिथि 1 अगस्त है।
सूर्य ड्रोनोथन 2025 भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक आयोजन होगा, जो सेना और उद्योग के बीच नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देगा। भारतीय सेना की यह पहल राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।