छात्र-अभिभावक मंच ने घेरा शिक्षा निदेशालय

बेतहाशा फीस वृद्धि का मामला

शिमला, 28 अप्रैल। छात्र-अभिभावक मंच के बैनर तले दयानंद पब्लिक स्कूल व अन्य स्कूलों के अभिभावक शिक्षा निदेशालय के बाहर एकत्रित हुए व स्कूल की ट्यूशन फीस में 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान अभिभावक शिक्षा निदेशक से अपनी मांगों के संदर्भ में बातचीत करना चाह रहे थे परंतु अभिभावकों को देख कर शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने कार्यालय के दोनों गेट बंद कर दिए। इस पर अभिभावक उग्र हो गए व उन्होंने कड़ी आपत्ति जाहिर की। वे निदेशक से बातचीत करने की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद उच्चतर शिक्षा निदेशक कार्यालय के मुख्य गेट पर अतिरिक्त शिक्षा निदेशक व अन्य अधिकारियों के साथ आए व मंच के पदाधिकारियों तथा अभिभावकों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने आश्वासन दिया कि निजी स्कूलों पर मनमानी फीस वसूलने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके पश्चात ही दो घण्टे से चल रहा प्रदर्शन समाप्त हुआ।

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, मंच के सदस्य भुवनेश्वर सिंह, कमलेश वर्मा, रमेश शर्मा, राजेश पराशर व अंजना मेहता ने कहा कि सुबह साढ़े ग्यारह बजे अभिभावक शिक्षा निदेशालय परिसर के बाहर एकत्रित हुए व जोरदार नारेबाजी की। वे निदेशक से मुलाकात करने की मांग करते रहे परन्तु निदेशक कार्यालय के अधिकारियों ने दोनों गेट बंद कर दिए। इस से अभिभावक भड़क गए व प्रदर्शन करते रहे। जब निदेशक ने स्वयं मुख्य गेट पर आकर बातचीत करके दयानंद स्कूल व अन्य स्कूलों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया तब जाकर ही मंच ने प्रदर्शन समाप्त किया। उन्होंने शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह तुरन्त दयानंद पब्लिक स्कूल व अन्य सभी निजी स्कूलों के मामले में हस्तक्षेप करें व पांच दिसम्बर 2019 की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना को लागू करवाएं। यह अधिसूचना वर्ष 2019 में जारी हुई थी व इसमें स्पष्ट किया गया था कि वर्ष 2020 व उसके तत्पश्चात कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों के जनरल हाउस के बगैर कोई भी फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता है। इसके बावजूद डीपीएस स्कूल व अन्य स्कूलों ने वर्ष 2020 में फीस बढ़ोतरी की। वर्ष 2021 में भी सारे नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए टयूशन फीस में भारी-भरकम बढ़ोतरी करके सीधे पचपन प्रतिशत तक फीस बढ़ोतरी कर दी।

उन्होंने चेताया है कि अगर यह फीस बढ़ोतरी वापिस न ली गयी तो छात्र अभिभावक मंच शिक्षा निदेशालय  पर अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करेगा व चौबीस घण्टे का महापड़ाव करने के लिए विवश होगा।