हिमाचल में कोरोना  बेकाबू

हिमाचल में कोरोना  बेकाबू

एक ही दिन में 32 की जान गई, 1363 नए मामले

शिमला, 25 अप्रैल। हिमाचल प्रदेश में कोरोना बेकाबू हो गया है। आज एक ही दिन में इस महामारी ने प्रदेश में 32 लोगों की जान ले ली। हिमाचल में कोरोना की दस्तक के बाद से एक ही दिन में मौतों का ये सबसे अधिक आंकड़ा है। इनमें से आज 12 मौतें अकेले कांगड़ा जिला में हुई। इसके अलावा शिमला और मंडी में 4-4, हमीरपुर और ऊना में 3-3, सोलन और सिरमौर में 2-2 और बिलासपुर व कुल्लू में 1-1 मरीज की कोरोना से जान चली गई इसी के साथ राज्य में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 1323 तक पहुंच गया है। इनमें सर्वाधिक 321 मौतें शिमला जिला में हुई है जबकि कांगड़ा में 315, मंडी में 161, ऊना में 98, कुल्लू में 91, सोलन में 89, हमीरपुर में 77, चंबा में 57, सिरमौर में 54, बिलासपुर में 30, किन्नौर में 17 और लाहौल स्पिति में 13 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है।

इस बीच प्रदेश में आज कोरोना के 1363 नए मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से सर्वाधिक 423 मामले कांगड़ा जिला में दर्ज किए गए। इसके अलावा सिरमौर में 229, शिमला में 224, सोलन में 149, हमीरपुर में 104, मंडी में 83, बिलासपुर में 64, ऊना में 38, कुल्लू में 27, किन्नौर में 10, चंबा में 9  और लाहौल स्पिति में 3 मामलों की पुष्टि हुई है। इसी के साथ प्रदेश में कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 87501 हो गई है। इनमें से 13577 मामले सक्रिय हैं। आज 1161 लोग कोरोना से स्वस्थ हुए। प्रदेश में अभी तक 72557 लोग कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में आज 6483 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया। इनमें से 3654 की रिपोर्ट आना बाकी है। राज्य में अभी तक 1447397 लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा चुका है।

हिमाचल के सभी कोरोना अस्पताल हाउसफुल

हिमाचल प्रदेश में कोरोना की लगातार भयावह होती स्थिति के बीच राज्य के सभी कोरोना अस्पताल मरीजों से भर गए हैं। राजधानी शिमला स्थित प्रदेश के प्रीमियर स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी शिमला में कोरोना मरीजों के 147 बिस्तर रखे गए हैं। इनमें से 142 बेड आज सुबह तक भरे हुए थे। आईजीएमसी में कोरोना मरीजों के बिस्तरों की संख्या 300 तक बढ़ाई जा सकती है लेकिन अभी इस पर काम शुरू नहीं हुआ है। राज्य के सभी मेक शिफ्ट अस्पताल प्रदेश सरकार ने कोरोना की पहली लहर धीमी पड़ने के बाद बंद कर दिए थे। इन अस्पतालों को अब नए सिरे से चालू करने के आदेश हुए हैं। हालांकि ये अस्पताल अभी पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पाए हैं। नतीजतन राज्य में अब अधिकांश कोरोना मरीजों को अब घर पर रहकर ही कोराना का उपचार लेना पड़ रहा है।