हिमाचल में बंद नहीं होंगे घाटे में चल रहे निगम व बोर्ड

विधानसभा प्रश्नकाल

हिमाचल में बंद नहीं होंगे घाटे में चल रहे निगम व बोर्ड

ऊना, नालागढ़ और कोटखाई में ट्रामा सेंटर को केंद्र ने जारी किए 8.29 करोड़ रुपए

शिमला, 9 मार्च। हिमाचल प्रदेश में घाटे में चल रहे 12 निगम व बोर्ड बंद नहीं होंगे। यही नहीं, इन निगमों व बोर्डों में अध्यक्षों व उपाध्यक्षों की नियुक्तियां पहले की तरह बदस्तूर जारी रहेंगी। यह बात जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कही। महेंद्र सिंह ठाकुर आज सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की गैर मौजूदगी में मुख्यमंत्री से जुड़े विभागों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।

महेंद्र सिंह ने कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी के मूल प्रश्न के उत्तर में कहा कि प्रदेश में घाटे में चल रहे निगमों व बोर्डों में पर्यटन विकास निगम, ऊर्जा निगम, एससी, एसटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन, अल्पसंख्यक वर्ग वित्त विकास निगम, एचपीएमसी, राज्य वन निगम, एचआरटीसी, राज्य वित्त निगम, एग्रो इंडस्ट्रीज निगम, ऊर्जा संचार निगम, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट कारपोरेशन और राज्य बिजली बोर्ड शामिल हैं। इनमें से एचआरटीसी और बिजली बोर्ड सबसे अधिक घाटे में हैं। एचआरटीसी का घाटा जहां 1533.70 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है, वहीं बिजली बोर्ड का घाटा भी 1520.59 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। पर्यटन विकास निगम इस समय 50.32 करोड़ रुपए, ऊर्जा निगम करीब 362 करोड़ रुपए, एससी-एसटी विकास निगम 26.23 करोड़ रुपए, अल्पसंख्यक वर्ग वित्त विकास निगम 6.19 करोड़ रुपए, एचपीएमसी 110.42 करोड़ रुपए, राज्य वित्त निगम 153.48 करोड़ रुपए, एग्रो इंडस्ट्रीज निगम 936.12 करोड़ रुपए, ऊर्जा संचार निगम 108.36 करोड़ रुपए और हैंडीक्राफ्ट व हैंडलूम कारपोरेशन 134.3 करोड़ रुपए के घाटे में है।

महेंद्र सिंह ने बताया कि बीते तीन साल के कार्यकाल में 31 जुलाई 2020 तक एचआरटीसी के वाइस चेयरमैन पर सबसे ज्यादा 56.75 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। इसी तरह राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष पर 30 लाख 16 हजार 970 रुपए खर्च किए गए है। पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष पर दो लाख 67 हजार 161, ऊर्जा निगम के उपाध्यक्ष पर 5 लाख 45 हजार 669, एससी-एसटी विकास निगम सोलन के उपाध्यक्ष पर 13 लाख 33 हजार 365, बागवानी उत्पाद विपणन के उपाध्यक्ष पर 13 लाख 42 हजार 984, राज्य वन विकास निगम के उपाध्यक्ष पर 30 लाख 16 हजार 970 रूपए, राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष पर 28 लाख 57 हजार 990 रूपए खर्च किए गए हैं।

महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि निगमों व बोर्डों में अध्यक्षों तथा उपाध्यक्षों की नियुक्तियों की प्रथा कोई नई नहीं है, बल्कि यह पहले से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रथा अब भी जारी है और आगे भी इसे जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ये निगम व बोर्ड भी पहले से ही घाटे में चल रहे हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार ने छह निगमों व बोर्डों में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष नियुक्त किए थे, जबकि मौजूदा सरकार ने 5 ही निगम व बोर्डों में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष लगाए हैं।

विधायक लखविंद्र राणा के एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि ऊना, नालागढ़ और कोटखाई में लैवल-3 के ट्रामा सेंटर खोलने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है और इसके लिए 8.29 करोड़ रुपए की धनराशि भी जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि नालागढ़ में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए मेकशिफ्ट अस्पताल को ट्रामा सेंटर में तब्दील किया जाएगा। यहां पर लैवल-3 का ट्रामा सेंटर खोला जाएगा, जो अत्याधुनिक आपरेशन थियेटर से लैस होगा। इसके लिए करीब 62 लाख रुपए जारी कर दिए गए हैं और काम शुरू करने के आदेश भी दे दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट में स्वास्थ्य विभाग में 4 हजार पद भरने की घोषणा की है। इन पदों को भरने के बाद नालागढ़ अस्पताल में स्टाफ की कमी को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नालागढ़ अस्पताल में बर्न यूनिट स्थापित करने के लिए सर्वेक्षण कर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

डॉ. सैजल ने विधायक बलवीर सिंह के एक सवाल पर कहा कि आईजीएमसी शिमला में जल्द ही पैट स्कैन की सुविधा शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल टांडा मेडिकल अस्पताल में पैट स्कैन आरंभ करने का विचार नहीं है। उन्होंने मूल प्रश्न के उत्तर में कहा कि हमीरपुर मेडिकल कालेज में सीटी स्कैन मशीन लगाने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। विधायक आशा कुमारी के अनुपूरक सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिलासपुर, सोलन, हमीरपुर, चंबा और नाहन में पीपीपी मोड पर सीटी स्कैन मशीनें स्थापित की जाएंगी। विधायक इंद्रदत्त लखनपाल और सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इस संबंध में अनुपूरक प्रश्न पूछे।

उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने जगत सिंह नेगी के एक सवाल के जवाब में कहा कि फिलहाल कुनिहार को औद्योगिक क्षेत्र घोषित करने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि कुनिहार में जिस स्थान को औद्योगिक क्षेत्र के लिए चयनित किया गया है, वहां बहुत अधिक पेड़ हैं और स्थानीय पंचायत ने भी एनओसी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि कुनिहार के साथ ममलीग में 2004 से औद्योगिक क्षेत्र घोषित है, लेकिन वहां अभी तक एक भी उद्योग नहीं आया है।

विधायक पवन नैय्यर, मुल्ख राज, राम लाल ठाकुर, रविंद्र कुमार, बलबीर सिंह, राजेश ठाकुर और अन्य ने भी अपने-अपने सवाल पूछे।