आलोचना की नीति छोड़ सहयोग करे कांग्रेस : रणधीर शर्मा

शिमला, 11 मई। हिमाचल प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कांग्रेसी नेताओं पर कोरोना महामारी के इस संकटकाल में राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा की यह महामारी इस प्रदेश या देश की नहीं अपितु पूरी दुनिया में फैली है और जिस का मुकाबला करने में बड़े-बड़े देशों की सरकारें भी असफल साबित हुई हैं, परंतु भाजपा का मानना है कि इस महामारी का मुकाबला सरकार और समाज एकजुट होकर ही कर सकता है।

रणधीर शर्मा ने कहा की जिस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के नेता आए दिन इस महामारी को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं वह उनकी संकुचित मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेसी नेता पहले कांग्रेस शासित राज्यों के हालात पर नजर दौड़ाए उसके बाद हिमाचल एवं केंद्र के बारे में बयान बाजी करें। पंजाब, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ के औसत मामले हिमाचल प्रदेश से ज्यादा हैं और इन प्रदेशों की हालत खस्ता है और कांग्रेस के नेता हिमाचल को कोसते हैं जो कि गलत है । सर्वप्रथम कांग्रेस के नेताओं को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।

रणधीर शर्मा ने कहा की जयराम ठाकुर सरकार शुरू से ही हर संभव कोशिश कर रही है कि कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर के कहर से जनता को कैसे बचाया जा सके। इसके लिए स्वयं मुख्यमंत्री जिला मुख्यालयों तक खुद जाकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्थिति अनुसार दिशा निर्देश भी दे रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में कहीं कोई ऑक्सीजन की कमी नहीं आ रही है और संक्रमित व्यक्तियों के लिए बेड भी उपलब्ध है, यह सरकार की दूरदर्शिता का परिचय देता है।

उन्होंने कहा आज ऑक्सीजन के नए प्लांट हर मेडिकल कॉलेज में, हर जिला मुख्यालय में लग रहे हैं और इसके लिए केंद्र सरकार भी पूरा सहयोग दे रही है। मेकशिफ्ट हॉस्पिटल समय रहते ही सरकार ने बनवा लिए थे जो आज उपयोग में आ रहे हैं। आज प्रदेश में 5000 बेड की व्यवस्था प्रदेश सरकार कर चुकी है यह प्रदेश की दूरगामी सोच और इस महामारी से लड़ने के दृढ़ निश्चय को दर्शाता है। इसलिए कांग्रेसी नेताओं को आलोचना करने की अपनी नीति छोड़ कर सहयोग करना चाहिए और समाज को जागृत करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने समय-समय पर जनता को जागृत करने का काम भी किया है और पाबंदियां लगाकर इस महामारी से लोगों को बचाने का प्रयास किया है। वर्तमान समय में आवश्यकता है कि सभी राजनीतिक दल, सामाजिक संस्थाएं एवं धार्मिक संगठन अपने मतभेद भुलाकर एकजुट होकर इस महामारी के खिलाफ लड़ें और जनता को जागरूक करें ताकि इस महामारी से बचा जा सके।