हिमाचल में 117521 कर्मचारियों ने चुना ओपीएस का विकल्प: सुक्खु

शिमला, 11 मार्च। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में कुल 1 लाख 86 हजार नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 117521 अधिकारियों और कर्मचारियों ने एनपीएस से ओपीएस में आने का विकल्प दिया है और इस समय सभी विभागों में ओपीएस लागू है। मुख्यमंत्री ने विधायक विक्रम सिंह के सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में सभी निगमों, स्वतंत्र निकायों और इनके कर्मचारियों पर सरकारी नियम, दिशा निर्देश स्वतः लागू नहीं होते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस के तहत सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की कोई देनदारियां बकाया नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस लागू करने के बाद से 12 हजार 806 कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने विधायक भुवनेश्वर गौड़ के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि प्रदेश में विभिन्न विभागों में 4295 दंपत्ति अधिकारी और कर्मचारी एक ही स्थान पर कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनको मिलने वाला मकान और चिकित्सा भत्ता नियमों के तहत प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा 31 अगस्त 2023 तक इन पर 8 करोड़ 27 लाख 87 हजार 74 रुपए की धनराशि खर्च की गई है। मुख्यमंत्री ने विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि प्रदेश में 20 फरवरी 2025 तक कुल 13 मामले दर्ज हुए और 80 आरोपी गिरफ्तार हुए है। इन आरोपियों में से 76 हिमाचली व 4 गैर हिमाचली है। गिरफ्तार आरोपियों में से 73 के विरुद्ध मामले न्यायालय में विचाराधीन है और शेष 7 के विरुद्ध मामले जांच के दायरें में है। इन मामलों में 37 करोड़ की चल अचल संपत्ति जब्त की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नाबार्ड के पास 904.78 करोड़ रुपए की डीपीआर लंबित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने योजना विभाग के माध्यम से नाबार्ड को विधायक प्राथमिकता की योजनाओं को दोबारा से प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए पत्र लिखा। मुख्यमंत्री ने विधायक रणधीर शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 5 जनवरी 2024 तक 28 विधानसभा क्षेत्र की 904.78 करोड़ रुपए की 118 डीपीआर लंबित है। राज्य सरकार ने पिछले साल से इस साल 20 फरवरी तक मेडिकल काॅलेजों और स्वास्थ्य संस्थानों में विभाग द्वारा दवाईयों व अन्य स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद पर कुल 153 करोड़, 65 लाख 63 हजार रुपए खर्च किए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायक केवल सिंह पठानिया के सवाल के लिखित जवाब में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें से चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान के अधीनस्थ आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में कुल 80.37 करोड़ रुपए और स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 73.27 करोड़ रुपए खर्च किए गए है। मुख्यमंत्री ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि आईजीएमसी में दवाइयों पर 10 करोड़ 58 लाख 88 हजार 600 रुपए खर्च किए है और यहां पर 5 करोड 57 लाख 40 हजार 561 रूपए खर्च किए गए हैं। इसी तरह, चमियाणा मेडिकल स्पेशिलिटी में 47 लाख 1 हजार 428 दवाईयों पर और 3 करोड़ 33 लाख 34 हजार 532 रुपए उपकरणों पर खर्च किए हैं। टांडा मेडिकल काॅलेज में 37.84 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट दवाईयों की खरीद पर खर्च किए गए है और 5.37 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट उपकरणों की खरीद पर खर्च किए गए है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 25 अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में 67.81 करोड़ रुपए दवाईयों और 5.46 करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट उपकरण खरीदे गए हैं। बॉक्स वर्ष 2024-25 में अवैध खनन के 1531 मामले पकड़े: उद्योग मंत्री उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में प्रदेश में अवैध खनन के 1531 मामलों पकाडे है। इनमें से 981 मामलों में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 77.96 लाख रुपए का जुर्माना राशि वसूला गया है। विधायक मलेंद्र राजन के सवाल का लिखित जवाब देते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि शेष मामले नियमानुसार आगामी कार्यवाही के लिए न्यायालय व विभाग स्तर पर लंबित है। उद्योग मंत्री ने कहा सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन को रोकने के लिए समय-समय पर विशेष निगरानी दल गठित किए जाते हैं। उन्होंने कहा अवैध खनन को रोकने के लिए खनन की ढुलाई पर रात 8 बजे से सुबह 5 बजे तक प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा जिला स्तर पर संबंधित उपायुक्तों द्वारा भी अवैध खनन की रोकथाम के लिए लगातार बैठकों का आयोजन करते हैं, ताकि अवैध खनन के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में रोक लगाई जा सके। बॉक्स केंद्रीय विश्वविद्यालय के कैंपस के लिए केंद्र सरकार ने 260.02 करोड़ रुपए मंजूर किए: रोहित ठाकुर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विधायक सुधीर शर्मा के सवाल के लिखित जवाब में कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला कैंपस के लिए केंद्र सरकार ने 260.02 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मंजूर की है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के जदरांगल के भवन निर्माण के लिए 57.10 हेक्टेयर वन भूमि को स्थानांतरण करने के लिए वन मंडल अधिकारी धर्मशाला ने 30 करोड़ 3 लाख 94 हजार 254 रुपए की मांग की थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में गुण दोष के आधार पर परीक्षण करके नियमानुसार उचित निर्णय लिया जाएगा। बॉक्स जिनके पास कृषि योग्य भूमि नहीं है वह राज्य सरकार से धारा 118 की मंजूरी लेकर कर भूमि खरीद सकतें हैं: जगत सिंह नेगी राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने विधायक सतपाल सत्ती के सवाल के जवाब में कहा कि जो व्यक्ति पुश्त-दर-पुश्त हिमाचल का रहने वाला है और उसके पास कृषि योग्य भूमि उपलब्ध नहीं है। ऐसे सभी लोग अकृषक की परिभाषा में आते हैं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे व्यक्ति प्रदेश में धारा 118 के दायरे में आते तो वे इसी धारा में दी गई शर्तों के अनुसार बिना अनुमति भूमि खरीद सकतें हैं। उन्होंने कहा शेष सभी व्यक्ति जिनके पास कृषि योग्य भूमि नहीं है वह राज्य सरकार से धारा 118 की मंजूरी लेकर कर भूमि खरीद सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसी और रूप में भूमि क्रय करने का अधिकार देने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।