स्वावलंबन योजना बंद कर युवाओं को दिया धोखा, स्वीकृत प्रोजैक्ट्स का बजट रोका
रोज़गार देने के नाम सत्ता में आई कंग्रेस, लेकिन रोज़गार के रास्ते बंद कर रही है सरकार
सिर्फ़ मित्रों के भले के लिए काम कर रही है सुक्खू सरकार
शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी प्रेस वक्तव्य में कहा कि सुक्खू सरकार की स्टार्टअप योजना का क्या हुआ? इस योजना का लाभ कब से प्रदेश के युवाओं को मिलना शुरू होगा। चुनाव के समय कांग्रेस ने गारंटी दी थी कि सरकार बनने पर हर विधानसभा क्षेत्र के युवाओं के लिए 10 करोड़ के हिसाब से 680 करोड़ रुपए के स्टार्टअप फण्ड का प्रबंध करेगी। जिससे युवा अपने लिए रोज़गार के साधन जुटाए और अन्य लोगों को रोज़गार भी देंगे। कांग्रेस के कई नेताओं ने इसके लिए चुनाव से पूर्व ही युवाओं से फॉर्म भी भरवा लिए थे। चुनाव के एक साल तक सरकार इस फण्ड के नाम पर ख़ामोश रही। गत नवंबर माह में सरकार ने इस योजना के प्रथम चरण की शुरुआत की विधिवत घोषणा की अख़बारों में बड़े-बड़े इश्तेहार छपे, सड़कों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे। सरकार ने इस योजना के तहत उत्पादन इकाई लगाने के बजाय, इलेक्ट्रिक व्हीकल की ख़रीद में सब्सिडी देने की बात की। हज़ारों की संख्या में प्रदेश के युवाओं ने आवेदन भी किया। लेकिन योजना की घोषणा हुए आठ महीनें का समय बीत गया लेकिन अभी तक एक भी युवा को इस योजना का लाभ नहीं मिला। एक भी टैक्सी इस योजना के तहत अभी तक ख़रीदी नहीं जा सकी। जयराम ठाकुर ने कहा कि क्या इलेक्ट्रिक टैक्सी ख़रीदने में इतना समय लगता है। इस सरकार की मंशा ही नहीं है कि वह प्रदेश के लोगों का काम करे। यह स्टार्टअप के लिए आर्थिक सहायता का इंतज़ार कर रहे प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा है।जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने भाजपा की सरकार द्वार शुरू की स्वावलंबन योजना को भी बंद कर दिया। बंद करने के पहले स्वीकृत हुई योजनाओं का बजट भी नहीं जारी किया है। कुछ ऐसे भी युवा है जिन्हें कुछ किश्तें मिली है लेकिन बाक़ी की किश्तें नहीं दी जा रही हैं। ऐसे में युवाओं को सरकार ने जानबूझकर अधर में लटका दिया है। सरकार युवाओं को लाखों की संख्या में रोज़गार देने का वादा करके सत्ता में आई थी लेकिन सरकार न ख़ुद ही लोगों को रोज़गार दे रही है न ही उद्यमशील युवाओं को लोगों को नौकरी देने दे रही है। पूर्व सरकार में स्वावलंबन योजना के तहत प्रदेश में कुल 721 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। सरकार की ओर से इस योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की अनुदान राशि प्रदान की गई। इसमें कुल 4377 ईकाइयां मंज़ूर हुई। जिनसे 11 हजार 674 लोगों को रोजगार मिला। यदि इस योजना राजनीतिक द्वेष की वजह से बंद नहीं किया गया होता तो प्रदेश में रोज़गार के हज़ारों साधन और राजस्व पैदा होता। लेकिन सूक्खू सरकार की अदूर्रशिता और बदले की भावना से काम करने की वजह से प्रदेश के युवाओं को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस समय मुख्यमंत्री सिर्फ़ और सिर्फ़ मित्रों के भले के लिए काम कर रहे हैं। सिर्फ़ मित्रों के हितों की रक्षा करने के लिए काम कर रहे हैं। प्रदेश के युवाओं को रोज़गार देने की बजाय वह कैबिनेट रैंक देने और अपनी सरकार बचाने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा कि झूठे वादे बहुत हो गये, इधर-उधर की बातें बहुत हो गई। अब सरकार बने डेढ़ साल से ज़्यादा का समय हो गया है। अब सुक्खू सरकार जल्दी से जल्दी स्टार्टअप फंड का बजट जारी करे।