कुल्लू में स्थापित होगा बुनकर सेवा व डिजाइन रिसोर्स केन्द्र : पीयूष गोयल

प्रदेश के हस्तशिल्प में 50 सालों में आया ऐतिहासिक बदलावः मुख्यमंत्री

शिमला, 26 सितंबर। कुल्लू में बुनकर सेवा व डिजाइन रिसोर्स केन्द्र की स्थापना की जाएगी जो राज्य के खूबसूरत हस्तशिल्प उत्पादों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में इनके निर्यात के लिए बेहतर मंच प्रदान करेगा। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने आज कुल्लू के अटल सदन में हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्णिम जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में सेवा व समर्पण अभियान के अंतर्गत हस्तशिल्प एवं हथकरघा कारीगरों के साथ एक संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

पीयूष गोयल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हस्तशिल्प की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। बुनकर सेवा केन्द्र में कारीगरों का कौशल उन्ययन, उन्हें आधुनिक उपकरण प्रदान करना व नए डिजाईन तैयार करने का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि इस केन्द्र के लिए पहले से तैयार कोई भवन उपलब्ध है तो इसका संचालन तुरन्त आरम्भ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजाइनिंग, गुणवत्ता, पैकेजिंग तथा विपणन को आधुनिक बनाने पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि बुनकरों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों के बढि़या दाम मिले।

केन्द्रीय मंत्री ने प्रदेश के उत्पादों का बड़े शहरों के अलावा कपड़ा उद्योग से जुड़े लोगों तथा पांच सितारा होटलों में जिलावार प्रदर्शनियां आयोजित करने का सुझाव दिया ताकि इनकी ब्रैण्डिग राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो। उन्होंने बुनकरों से कहा कि वे अपना ट्रेडमार्क प्राप्त करें जिसके लिए केन्द्र सरकार ने पंजीकरण शुल्क 80 फीसदी कम कर दिया है। केन्द्र सरकार ने हस्तशिल्प वस्तुओं के प्रोत्साहन के लिए एक समिति का गठन भी किया है जो इनकी गुणवत्ता, डिजाईन व विपणन को बेहतर बनाने के सुझाव सरकार को देगी। उन्होंने इसी प्रकार की समिति हिमाचल प्रदेश में गठित करने का सुझाव दिया।

पीयूष गोयल ने जिला के उद्यमियों के साथ परस्पर संवाद किया। उन्होंने स्थानीय हस्तशिल्प व हथकरघा कारीगरों को वुड क्राफ्ट, हथकरघा, कढाई मशीन व प्रमाण पत्र भी वितरित किए।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के कारीगरों को प्रोत्साहित करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए हैं। प्रदेश में वर्तमान में 13572 पंजीकृत बुनकर हैं जिनकी आजीविका बुनाई व कढ़ाई के हुनर से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि कुल्लू शॉल व टोपी सहित चंबा रूमाल व किन्नौरी शॉल को जी.आई. टैग मिल चुके हैं। बुनकरों के लिए ऑनलाइन बिक्री मंच की सुविधा प्रदान करने के लिए फ्लिपकार्ट के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है जिसके माध्यम से प्रदेश के उत्पादों एवं कला को पहचान मिलेगी। इसके अलावा विभाग भी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री कर रहा है।

इससे पहले, केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ अटल टनल, रोहतांग का दौरा किया।

केन्द्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री ने बुनकरों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर हथकरघा व हस्तशिल्प पर एक लघु वृतचित्र भी दिखाया गया जिसमें जिला में इस क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख किया गया है।