वीरभद्र सिंह के निधन से हिमाचल की राजनीति में एक युग का अंत

नहीं रहे हिमाचल की राजनीति के पुरोधा वीरभद्र सिंह

अंतिम दर्शनों के लिए शिमला में उमड़ी भारी भीड़, अंतिम संस्कार 10 जुलाई को

शिमला, 8 जुलाई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का आज तड़के आईजीएमसी शिमला में 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। हिमाचल प्रदेश के 6 बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह ने सुबह 3 बजकर 40 मिनट पर अंतिम सांस ली। वह पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे और दो महीने से अधिक समय से आईजीएमसी शिमला में उपचाराधीन थे। वीरभद्र सिंह दो बार कोरोना संक्रमित भी हुए और दूसरी बार कोरोना संक्रमित होने के बाद उनकी तबीयत ज्यादा खराब हुई। बीते तीन दिनों से वीरभद्र सिंह का ऑक्सीजन स्तर गिर गया था और वह वेंटिलेटर पर थे।

वीरभद्र सिंह का जन्म 23 जून 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर हुआ। वीरभद्र सिंह पांच बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक चुने गए। लोकसभा के लिए वह पहली बार 1962 में महासू लोसभा सीट से चुने गए। इसके बाद 1967-1971 1980 और 2009 में भी वह लोकसभा चुनाव जीते। वीरभद्र सिंह ने 1983 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इसके उपरांत 1990- 1993- 1998- 2003- 2007- 2012 और 2017 में भी वह विधायक चुने गए। मौजूदा समय में वह सोलन जिला के अर्की विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक थे।

वीरभद्र सिंह को राजनीति में लाने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू को जाता है। वीरभद्र सिंह स्वयं इस बात को बार-बार दोहराते थे। केंद्रीय मंत्री रहते वीरभद्र सिंह ने इस्पात मंत्रालय सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय तथा पर्यटन मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाले।

इस बीच वीरभद्र सिंह के निधन से पूरे प्रदेश में शोक की लहर है। उनके निधन का समाचार मिलते ही आज सुबह से ही आईजीएमसी शिमला में उनके समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी रही। बाद में वीरभद्र सिंह के पार्थिव शरीर को उनके निजी आवास हॉलीलॉज ले जाया गया जहां विभिन्न दलों के राजनीतिक नेता और कार्यकर्ता तथा वीरभद्र सिंह के समर्थक व रिश्तेदार उन्हें श्रद्धाजंलि दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर और अन्य नेताओं ने वीरभद्र सिंह के निधन पर गहरा दु:ख जताया है और उनके निधन को हिमाचल के इतिहास में एक युग का अंत करार दिया है।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हौलीलॉज पहुंचकर पूर्व मुरव्यमंत्री वीरभद्र सिंह को श्रद्धाजंलि अर्पित की। दत्तात्रेय ने कहा कि वीरभद्र सिंह के निधन से हिमाचल को बहुत बड़ी क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह मजबूत व्यक्तित्व के धनी थे और उनके चले जाने से देश तथा प्रदेश की राजनीति में रखाली हुए स्थान को नहीं भरा जा सकता।

मुरव्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हॉलीलॉज पहुंचकर पूर्व मुरव्यमंत्री वीरभद्र सिंह को श्रद्धाजंलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना जताई। जयराम ठाकुर ने इस मौके पर वीरभद्र सिंह के निधन को एक युग का अंत करार दिया और कहा कि इसकी कमी कभी पूरी नहीं की जा सकेगी।

पूर्व मुरख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने भी वीरभद्र सिंह के निधन पर गहरा दुःख जताया है। धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह के निधन से हिमाचल ने एक महान राजनीतिक योद्धा रखो दिया है। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए कामना की। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामलाल ठाकुर जी, स. बाली, अनिरूद्ध सिंह बड़ी संख्या में कांग्रेस और भाजपा विधायकों, राकेश सिंघा, हर्ष महाजन, हरीष जनार्था और अन्य नेताओं ने भी हौलीलॉज पहुंचकर दिवंगत वीरभद्र सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन पर गहरा शोक जताया है और कहा है कि हिमाचल ने एक महान नेता और मैंने एक अच्छा दोस्त रखो दिया है। नड्डा ने अपने शोक संदेश में कहा कि वीरभद्र सिंह एक करिश्माई और दूरदर्शी नेता थे और उनकी प्रशंसा सभी पार्टियां करती थीं। उनका निधन अत्यंत दुखदायी है। नड्डा ने कहा कि भले ही हम राजनीतिक रूप से अलग-अलग थे लेकिन परस्पर रूप से हमने एक दूसरे को अत्यंत सम्मान से देखा है।