शिमला,8जुलाई। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का आज तड़के आई जी एम सी शिमला में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।वीऱभद्र सिंह का जन्म 23 जून , 1934 को बुशहर रियासत के राजा पदम सिंह के घर हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा बीसीएस शिमला व दिल्ली में हुई। वीरभद्र सिंह को पं जवाहरलाल नेहरू राजनीति में लेकर आए थे। वीरभद्र सिंह को राजनीति का संस्थान भी कहा जाता था। उनके निधन से प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह को आईजीएमसी से उनके शिमला स्थित निवास हॉली लॉज लाया गया है। इसके बाद लोगों के अंतिम दर्शनों के लिए उनकी पार्थिव देह को शिमला स्थित पार्टी मुख्यालय राजीव भवन ले जाया जाएगा। उनका अंतिम संस्कार 10 जुलाई, शनिवार को रामपुर बुशहर में किया जाएगा।राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और पूर्वमुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने वीरभद्र सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा , प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन, संगठन महामंत्री पवन राणा, महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, राकेश जम्वाल एवं त्रिलोक कपूर, कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर और अन्य नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट किया है और उनके परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
नहीं रहे हिमाचल की राजनीति के पुरोधा वीरभद्र सिंह
नहीं रहे हिमाचल की राजनीति के पुरोधा
छह बार के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का निधन, पूरा प्रदेश में शोक लहर