पूरे राजकीय सम्मान व राजशाही परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार
वीरभद्र सिंह की अनंत यात्रा में उमड़ा इन्सानी सैलाब
शिमला, 10 जुलाई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह आज पंचतत्व में विलीन हो गए। वीरभद्र सिंह का रामपुर बुशैहर में जोगणिबाग स्थित शाही श्मशान घाट पर पूरे राजकीय व राजशाही परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया गया। वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह को उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने मुखाग्नि दी। लोकवाद्य यंत्रों की धुनों के साथ इस दौरान वीरभद्र सिंह को उनकी अनंत यात्रा पर अंतिम विदाई दी गई। वीरभद्र सिंह की अनंत यात्रा में 20 हजार से अधिक लोग शामिल हुए।
वीरभद्र सिंह की अनंत यात्रा दोपहर बाद लगभग पौने तीन बजे रामपुर स्थित पद्म पैलेस से आरंभ हुई। इस दौरान उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने खुद वीरभद्र सिंह के ‘बमाण’ को कंधा दिया। पद्म पैलेस से लेकर जोगणी बाग श्मशान घाट तक सड़क के दोनों ओर और मकान की छतों से लोगों ने पुष्प वर्षा कर अपने राजा को नम आंखों से विदाई दी।
वीरभद्र सिंह की पार्थिव देह तिरंगे में लिपटी हुई थी और एक खास तरह से बनाई गई राजशाही अर्थी ‘बमाण’ में रखा गया था। ये बमाण दो दिनों में बनकर तैयार हुआ था और इसमें पूरी तरह से देवदार की लकड़ी का प्रयोग हुआ था। इस तरह का बमाणा ‘अर्थी’ रामपुर रियासत में सिर्फ शाही खानदान के लिए बनाया जाता है।
वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार में चंदन और स्थानीय चंदन (शूर) तथा सामान्य लकड़ी का प्रयोग हुआ। इस दौरान हिन्दू परंपरा के अनुसार जोगणी बाग स्थित राजशाही श्मशान घाट पर हवन भी किया गया जिसे राज परिवार से जुड़े पंडितों ने पूरा करवाया।
वीरभद्र सिंह के अंतिम संस्कार में, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश वघेल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष पवन बंसल, कार्यसमिति सदस्य व सांसद आनंद शर्मा, कांग्रेस के हिमाचल मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला, सह प्रभारी संजय दत्त, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, वन मंत्री राकेश पठानिया, पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और बड़ी संख्या में कांग्रेस तथा भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम लोग शामिल हुए।
जयराम ठाकुर ने इस मौके पर कहा कि वीरभद्र सिंह ने अपने 50 वर्ष से अधिक लम्बे राजनीतिक जीवन में हिमाचल प्रदेश के विकास और राज्य के लोगों के कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जयराम ठाकुर ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री के अलावा कई बार केंद्रीय मंत्री के रूप में भी प्रदेश के लिए अपनी बहुमूल्य सेवाएं दी। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के योगदान को राज्य के लोग सदैव याद रखेंगे।
8 जुलाई को हुआ था वीरभद्र सिंह का निधन
पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह का 8 जुलाई को आईजीएमसी शिमला में निधन हो गया था। वीरभद्र सिंह बीते दो महीने से अधिक समय से आईजीएमसी में भर्ती थे। इस दौरान वीरभद्र सिंह दो बार कोरोना संक्रमित भी हुए। दूसरी बार कोरोना संक्रमित होने के बाद उनका स्वास्थ्य ज्यादा बिगड़ गया और निधन से तीन दिन पहले तक वह वेंडिलेटर पर रहे। 87 वर्षीय वीरभद्र सिंह इस समय सोलन जिला के अर्की विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। प्रदेश सरकार ने आठ से 10 जुलई आज तक वीरभद्र सिंह के सम्मान में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया था। वीरभद्र सिंह के निधन से हिमाचल की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।