एक्सीडेंटल राजनीतिज्ञ थे वीरभद्र सिंह : विक्रमादित्य सिंह

शिमला, 2 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह का कहना है कि उनके पिता एक्सीडेंटल राजनीतिज्ञ थे। इस बात का जिक्र वीरभद्र सिंह अनेकों बार स्वयं करते थे। विक्रमादित्य सिंह आज विधानसभा में स्व. वीरभद्र सिंह सहित चार अन्य विधायकों के निधन पर लाए गए शोकोद‌्गारर में हिस्सा लेते हुए बोल रहे थे।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने जन्म से ही वीरभद्र सिंह को राजनेता और जननेता के रूप में देखा। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने दलगत राजनीति और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास कार्य किए। विक्रमादित्य सिंह ने वीरभद्र सिंह के दिल्ली में सेंट स्टीफन कालेज में बिताए दिनों और इस दौरान स्व. इंदिरा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के सानिध्य में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से मुलाकात का भी जिक्र किया और पहली बार लोकसभा टिकट मिलने की रोचक घटना भी सुनाई। उन्होंने वीरभद्र सिंह के भीतर की सादगी और नेहरू परिवार के साथ उनकी नजदीकियों को भी याद किया।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वीरभद्र सिंह जानते थे कि अफसरशाही से कैसे काम लेना है। उन्होंने कहा कि इस बारे में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वीरभद्र सिंह के व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह जिस स्तर के व्यक्तित्व के साथ बात करते थे, उन्हीं में ढल जाया करते थे। विक्रमादित्य सिंह ने देव समाज के कल्याण के लिए वीरभद्र सिंह के योगदान को भी याद किया। उन्होंने स्व. नरेंद्र बरागटा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बरागटा का निधन शिमला जिला, खासकर बागवानी के लिए बहुत बड़ा आघात है।