स्वर्णिम हिमाचल प्रदेश दृष्टि पत्र-2017 की उप-समिति की बैठक आयोजित

स्वर्णिम हिमाचल प्रदेश दृष्टि पत्र-2017 की उप-समिति की बैठक आयोजित

विद्यार्थियों को सरकारी विभागों में फैलोशिप व इंटर्नशिप करवाने की योजना तैयार

शिमला, 29 जून। स्वर्णिम हिमाचल प्रदेश दृष्टि पत्र-2017 के कार्यान्वयन के लिए गठित मंत्रिमण्डल की उप-समिति की बैठक आज शिमला में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शहरी विकास विभाग द्वारा ट्यूलिप योजना का कार्यान्वय किया जा रहा है जिसके तहत चयनित विद्यार्थियों को इंटर्नशिप करवाई जा रही है। उन्होंने सभी सरकारी विभागों और जन प्रतिनिधि कार्यालयों में विद्यार्थियों को फैलोशिप और इंटर्नशिप करवाने के लिए एक योजना तैयार करने के निर्देश दिए ताकि राष्ट्र निर्माण और विकास नियोजन प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने विभाग को शहरी स्थानीय निकायों में कचरे के निष्पादन के लिए योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जैविक, अजैविक एवं घरेलू हानिकारक कचरे को अलग-अलग कर निष्पादन की प्रणाली तैयार की गई है। प्रदेश में 47 स्थानीय निकायों में जैविक कचरा निष्पादन केन्द्र बनाए जा चुके हैं।

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने उद्योग विभाग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत देश में सातवें स्थान पर है, जो प्रदेश में व्यापार करने के लिए उपयुक्त परिस्थितियों तथा सुविधाओं की उपलब्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए धर्मशाला में 7 व 8 नवम्बर, 2019 को आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के दौरान 96,721 करोड़ रुपये निवेश के 703 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन की जांच व रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने उड़न दस्ते का गठन किया है। प्रदेश में अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए जुर्माना राशि को भी बढ़ाया गया है। स्टार्ट-अप योजना के तहत प्रदेश में 11 इन्क्यूबेशन केन्द्रों को स्थापित किया गया है। प्रदेश सरकार ने योजना के तहत 10 करोड़ रुपये के वेंचर कैपिटल फण्ड का प्रावधान किया है।