जिन झूठी गारंटियों कांग्रेस को हिमाचल में जिताया, उसने ही हरियाणा में हराया
राज्यसभा से लेकर लोकसभा के चुनावों ने देख लिया है कि किसका गणित कितना मजबूत है
मुख्यमंत्री की गणित और प्रशासन दोनों पर पकड़ कमजोर
मंडी: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जिस ईवीएम से इस बार चुनकर आए हैं उनकी पार्टी के 40 विधायक चुनकर आए हैं। जिसके कारण वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं उसी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। अपने आकाओं को खुश करने के लिए वह बेहद गैर जिम्मेदराना और अलोकतांत्रिक बयान दे रहे हैं। एक चुने हुए मुख्यमंत्री के लिए इससे शर्मनाक बयान नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री लोकतंत्र, जनादेश और जनमत का अपमान कर रहे हैं। इसके पहले भी वह तीन बार इस ईवीएम मशीन द्वारा चुनकर विधानसभा पहुंचे। उनके सुर में और मिलने वाले उनके अन्य सहयोगी भी इसी ईवीएम मशीन से जनमत पाकर कई बार विधानसभा में पहुंचे और एक माननीय के रूप में विभिन्न वैधानिक पदों को सुशोभित किया। उसके बाद भी सिर्फ अपने आला कमान को खुश रखने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा ईवीएम पर सवाल उठाना शर्मनाक, औचित्यहीन और गैर जिम्मेदाराना है।जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की हार का कारण कांग्रेस का सफेद झूठ बोलना जनहित से अलग पार्टी हित और अपने नेताओं के हित को ध्यान में रखकर काम करना है। कांग्रेस की हार का करण देश भर में कांग्रेस की राज्य सरकारों का प्रदर्शन है, जो जनहित और प्रदेश हित के बजाय खुद और खुद से जुड़े हुए लोगों का हिट करने का काम करती है। कांग्रेस की हार का कारण हिमाचल में दी गई झूठी गारंटियां हैं। जिसके कारण हरियाणा के लोग सतर्क हुए और कांग्रेस की ठगी की योजना कामयाब नहीं होने पाई। हिमाचल प्रदेश सरकार की नाकामी के किस्से पूरे भारत में पहुंचे। लोगों ने भली भांति देखा कि झूठ बोलकर सत्ता हासिल करने के बाद कांग्रेस के मुख्यमंत्री विधानसभा के अंदर खड़े होकर कहते हैं कि हमने एक सरकारी नौकरी देने की कोई गारंटी नहीं दी थी और सदन के अंदर ही विधानसभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री के झूठ को बेनकाब करते हैं और कहते हैं कि 1 लाख सरकारी नौकरी देना का वादा कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान किया था। हरियाणा के लोगों ने यह भी देखा कि किस तरह पड़ोसी राज्य में मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों, विधायकों और मित्रों पर खूब रकम खर्च कर रहे हैं लेकिन कर्मचारियों को देने के लिए वेतन और पेंशन का समय से प्रबंध नहीं कर पा रहे हैं।जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक हिमाचल प्रदेश से लेकर देश भर के लोगों ने कायदे से देख लिया है कि किसका गणित कमजोर है और किसका मजबूत। कांग्रेस के 40 और तीन निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री राज्यसभा चुनाव में 25 विधायकों वाली भारतीय जनता पार्टी से नहीं जीत पाए। भाजपा के पहले 2 साल के कार्यकाल में पूर्व सरकार द्वारा लिए गए 3500 करोड़ के लोन का भुगतान करने वाली सरकार को खराब बताकर 24000 करोड़ लोन लेने वाली सरकार को अच्छा बताकर, कॉविड जैसी महामारी के बाद भी समय से वेतन और पेंशन देने वाली सरकार को बेकार और दो-दो महीने पेंशन और वेतन रोकने वाली सरकार को अच्छा बात कर मुख्यमंत्री गणित का भी अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का ही गणित और प्रशासन पर पकड़ कमजोर है। इस बार के विधानसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री को गणित, राजनीति और सफेद झूठ का सही-सही मतलब समझा देंगे।
जंजैहली के निर्माणाधीन बस अड्डे का जयराम ठाकुर ने किया निरीक्षण
सराज विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर आए जयराम ठाकुर ने जंजैहली के निर्माणाधीन बस अड्डे का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि 5 करोड रुपए की लागत से बन रहे बस अड्डे का शिलान्यास उनके मुख्यमंत्री रहते किया गया था। निर्माण के लिए बजट का प्रावधान भी पूर्व सरकार द्वारा ही किया गया था लेकिन वर्तमान सरकार की उदासीनता के चलते बस अड्डे के निर्माण कार्य में विलंब हुआ। उन्होंने सरकार से बस अड्डे का संचालन अति शीघ्र प्रारंभ करने की मांग की।