एसपी एएसपी थप्पड़ कांड

पीड़ित को सजा, आरोपी अधिकारी की मौज

खुलेआम पुलिस अधिकारियों में हुई हाथापाई बहुत गम्भीर मामला : कांग्रेस

शिमला, 24 जून। हिमाचल प्रदेश में बीते रोज हुए एसपी एएसपी थप्पड़ कांड में प्रदेश पुलिस खासकर पुलिस महानिदेशक की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस कांड में पीड़ित एएसपी ब्रिजेश सूद को जहां प्रदेश पुलिस महानिदेशक ने कानून और अनुशासन का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री के पीएसओ बलवंत सिंह सहित जबरन छुट्टी पर भेज दिया है वहीं दूसरी ओर एएसपी को थप्पड़ मारने वाले कुल्लू के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह का स्थानांतरण तक नहीं किया गया है। न ही उन्हें जबरन अवकाश पर भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक बीती देर रात पुलिस मुख्यालय ने अपने ही आदेशों में फिर से संशोधन किया और इसमें एएसपी ब्रिजेश सूद तथा मुख्यमंत्री के पीएसओ बलवंत सिंह को तबदील कर और उनका मुख्यालय पुलिस हेडक्वार्टर फिक्स कर जबरन छुट्टी पर भेजने की बात कही गई है जबकि थप्पड़ मारने वाले कुल्लू के एसपी गौरव सिंह के आदेशों में सिर्फ उन्हें कुल्लू से मंडी स्थित पुलिस की सेंट्रल रेंज में शिफ्ट करने की बात कही गई है तथा उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजने अथवा ट्रांसफर करने जैसा कोई जिक्र नहीं है।

गौरतलब है कि प्रदेश पुलिस महानिदेशक ने बीते रोज जारी आदेशों में अनुशासन और पुलिस कानून का हवाला देते हुए तीनों अधिकारियों को तबदील करने और जबरन छुट्टी पर भेजने के आदेश दिए थे ताकि सारे कांड की निष्पक्ष जांच हो सके। लेकिन अब पुलिस महानिदेशक के आदेशों पर ही उंगलियां उठ गई हैं। इस सारे मामले की डीआईजी मंडी मधुसूदन शर्मा जांच कर रहे हैं और उन्हें तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर और विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कुल्लू में खुलेआम पुलिस अधिकारियों में हुई हाथापाई को बहुत ही गम्भीर मामला बताते हुए कहा है कि एक केंद्रीय मंत्री के आगमन के दौरान वीआईपी सुरक्षा पर भी एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा होता है। उन्होंने इसे अति दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रदेश में पहली बार कानून के रखवालों का इस प्रकार एक-दूसरे को खुले में लात घूसों से मारना हिमाचल जैसे राज्य को शर्मसार कर गया है। इससे साफ हो गया है कि प्रदेश में कानून और शासकीय व्यवस्था किस ओर जा रही है।

कुलदीप राठौर व विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्री द्वारा मुख्य सचिव से कथित तौर पर दुर्व्यवहार की भी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस प्रकार का कोई भी व्यवहार किसी भी अधिकारी के मनोबल पर विपरित असर डाल सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार चिंता का विषय है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इससे साफ है कि मुख्यमंत्री का अपने इन अधिकारियों पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने प्रदेश के लोगों को भी सकते में डाल दिया है। मुख्यमंत्री के सामने इस प्रकार की घटना होना किसी की भी पुलिस  सुरक्षा को खुली चुनौती है।