25 जनवरी से 15 फरवरी तक जहां-जहां संस्थान बंद हुए हैं हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा : रणधीर
जिला स्तर पर 25 फरवरी से 28 फरवरी तक विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया जाएगा
विरोध प्रदर्शनों में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे
शिमला, भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने बताया कि भाजपा विधायक दल की बैठक आज विधानसभा परिसर में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई इस बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप विशेष रूप में उपस्थित रहे।
इस बैठक में भाजपा के सभी विधायको ने भाग लिया
रणधीर शर्मा ने बताया की बैठक में कई विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई और विधायक दल की बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए।जब से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है तब से केवल तुगलकी फरमान जारी हो रहे हैं और पूरे प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने अपने फरमान ओं को जारी करते हुए 619 सरकारी संस्थाओं को बंद कर दिया। इन संस्थाओं को बंद करना प्रदेश हित में नहीं है इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी विधायक दल ने निर्णय लिया कि 25 जनवरी से 15 फरवरी तक जिन स्थानों पर संस्थान बंद किए गए हैं वहां भाजपा हस्ताक्षर अभियान चलाने जा रही है और 15 फरवरी से 28 फरवरी तक जिला मुख्यालय पर भाजपा विरोध प्रदर्शनों का आयोजन करेगी जिसमें नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर विशेष रूप में उपस्थित रहेंगे।रणधीर शर्मा ने बताया कि अभी तक प्रदेश की कांग्रेस सरकार 32 बिजली बोर्ड के कार्यालय बंद कर चुकी है ,इसी प्रकार 291 स्वास्थ्य संस्थान पीएचसी पर ताले लग चुके हैं, 3 तहसीलों को बंद कर दिया गया है, 20 उप तहसीलों को भी बंद कर दिया गया, 9 कानूनगो सर्कल भी बंद कर दिए गए हैं, इसी प्रकार 80 पटवार सर्कल, 17 आईटीआई 2 श्रम एवं रोजगार विभाग के कार्यालय, 2 रेवेन्यू सबडिवीजन, 16 पीडब्ल्यूडी सर्कल डिवीजन सबडिवीजन, 18 एसडीपीओ पुलिस स्टेशन पुलिस पोस्ट , 3 आयुर्वेद अस्पताल, 41 आयुर्वेदा स्वास्थ्य केंद्र 32 जल शक्ति विभाग के कार्यालय ,11 बि डि ओ दफ्तर और 40 अन्य विभागों को भी बंद कर दिया गया है।जिस प्रकार से यह दफ्तर बंद हुई है यह हिमाचल प्रदेश के विकास और उन्नति पर सीधा सीधा प्रहार है। ऐसा प्रतीत होता है कि हिमाचल प्रदेश में केवल कांग्रेस बंद एक्सप्रेस चल रही है।रणधीर शर्मा ने कहा कि फिजूलखर्ची में कांग्रेस पार्टी काफी आगे चल रही है छोटे से प्रदेश में मुख्यमंत्री के बाद उपमुख्यमंत्री की भी घोषणा कर दी गई। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में भी केवल दो उपमुख्यमंत्री हैं तो यह समझ नहीं आता कि हिमाचल प्रदेश में उपमुख्यमंत्री की क्या जरूरत पड़ गई।प्रदेश में 7 मंत्रियों के साथ 6 सीपीएस की भी नियुक्ति कर दी गई, सीपीएस की नियुक्तियों से हिमाचल प्रदेश पर आर्थिक बोझ बढ़ा ही है। राजनीतिक नियुक्तियों की दृष्टि से 4 ऐसे पद वितरित कर दिए गए हैं जिनको कैबिनेट रैंक दिया गया है इससे भी हिमाचल प्रदेश पर आर्थिक बोझ पड़ा है।शर्मा ने कहा कि सरकार हिमाचल प्रदेश की जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ाने का कार्य कर रही है जिस प्रकार से सरकार ने डीजल पर ₹3 प्रति लीटर रेट बढ़ाया उसके कारण हिमाचल प्रदेश में महंगाई दर बढ़ रहा है।
भाजपा सरकार ने निरंतर डीजल के दामों को नियंत्रित रखने का प्रयास किया है ,नवंबर 2021 में पेट्रोल और डीजल पर जयराम ठाकुर सरकार ने राहत दी थी जिसमें डीजल को ₹17 सस्ता किया गया था। प्रदेश सरकार ने जब डीजल पर ₹3 बढ़ाए तो सीधा-सीधा माल भाड़ा 1.50 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से बड़ा। जब जब माल बड़ा पड़ेगा तब तक महंगाई दर भी बढ़ेगा, इसके बारे में प्रदेश की सरकार को चिंता करनी चाहिए।