केंद्र सरकार से तालमेल ही दिलाएगा हिमाचल को उन्नति
केंद्र से है कोई गलतफहमी तो मिल बैठकर करें दूर: राज्यपाल
शिमला, 18 फरवरी। हिमाचल रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा है कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच तालमेल ही हिमाचल को उन्नति दिलाएगा। राज्यपाल ने कहा कि केवल कह देने मात्र से बात नहीं बनेगी। अगर केंद्र और राज्य सरकार के बीच कोई गलतफहमी है तो उसे मिल बैठकर दूर करना चाहिए। शिव प्रताप शुक्ल हिमाचल प्रदेश राजभवन में 2 साल की अवधि पूरी करने के मौके पर मंगलवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कहा कि वह नहीं समझते की केंद्र सरकार कहीं भी हिमाचल की उपेक्षा करेगा। राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल संघीय राज्य है। देवभूमि होने के नाते केंद्र सरकार हिमाचल का पूरा सहयोग करेगी। राज्यपाल ने कहा की केंद्र सरकार का प्रतिनिधि होने के नाते वह कह सकते हैं कि केंद्रीय बजट में हिमाचल को भरपूर पैसा दिया गया है। उन्होंने कहा कि बजट पर राजनीतिक चर्चा होती रही है लेकिन राज्य सरकार को हमेशा अपने अंशदान पर ध्यान देना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए 250 करोड़ से ज्यादा बजट मिला है लेकिन इस पर काम नहीं हो पाया है इस पर विचार करना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि वह जहां भी जाते हैं केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा करते हैं । उन्हें लगता है कि जितने भी पहाड़ी राज्य हैं, 80 फीसदी केंद्र सरकार के अनुदान पर है। शेष 20 फीसदी उन्हें अपने अनुदान पर चलना पड़ता है। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि केंद्र सरकार ने अपने बजट में हिमाचल के साथ कोई कोताही की है। राज्यपाल ने कहा कि आपस में तालमेल करना बेहद जरूरी है। मंत्रियों को अगर बजट की आवश्यकता है तो उन्हें केंद्रीय मंत्रियों से बात करनी चाहिए। वह विभागीय संदर्भ में केंद्रीय मंत्रियों से बात करें और अगर उनकी आवश्यकता होती है तो वह भी बजट लाने में बात करेंगे, लेकिन सरकार को अपनी बात रखनी चाहिए। बॉक्स नशे के खात्मे को लेकर कार्ययोजना बनाएं राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि नशे के खतमें को लेकर कार्य योजना बनाएं तो इसमें जरुर सफलता मिलेगी। एक सवाल के जवाब में राज्यपाल ने कहा कि रिहैबिलिटेशन सेंटर के लिए वह मदद करेंगे। लेकिन सरकार इसके लिए जमीन तो दे। राज्यपाल ने चिंता जताते हुए कहा कि लोग जान रहे हैं कि उनका बच्चा नशा कर रहा है लेकिन परिवार की इज्जत के लिए लड़के की जिंदगी को दाव पर लगा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि लोगों को सोचना चाहिए कि क्या जरूरी है। राज्यपाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि चिट्टे की मांग तब घटेगी जब गांव में इसका विरोध होगा। उन्होंने कहा कि इसे जड़ से खत्म करने के लिए सबके सहयोग की आवश्यकता है और इसे जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना किसी सहयोग से यह काम सफल नहीं होगा।।