हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी गाय के संरक्षण के लिए परियोजना: वीरेन्द्र कंवर
शिमला, 13 अगस्त। हिमाचल प्रदेश सरकार पहाड़ी गाय के संरक्षण तथा वंशवृद्धि के लिए राज्य में केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित तीन वर्षीय (2020-21 से 2022-23) तक 464 लाख रुपए की परियोजना शुरु कर रही है। पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि पहाड़ी गाय की विशिष्ट पहचान तथा गुणों की वजह से भारतीय पशुअनुवांशिक संसाधन ब्यूरो करनाल ने पहाड़ी गाय को राष्ट्रीय स्तर पर देशी नस्ल घोषित किया है। इस समय राज्य में कुल जनसंख्या में से 7.59 लाख (41.52 फीसदी) जनसंख्या पहाड़ी गायों की है तथा इन गायों से राज्य के कुल दूध उत्पादन का 7.46 प्रतिशत हिस्सा ग्रहण किया जाता है। जबकि राज्य में उत्पादित कुल दूध में से 10.73 प्रतिशत दूध हिमाचली पहाड़ी गायों से प्राप्त किया जाता है।
पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि पहाड़ी गाय, राज्य की पशुपालन की समृद्ध जैव विविधता को दर्शाती है तथा यह प्रजाति मुख्यतः हिमाचली पहाड़ी क्षेत्रों में विद्यमान है। पहाड़ी गायों के संरक्षण की यह परियोजना 10.9 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैले सिरमौर जिला के पशु प्रजनन फार्म बागथन में शुरु की जाएगी, जहां इस विशिष्ट प्रजाति के मूल परिवार के समूह को विकसित किया जाएगा ताकि इस प्रजाति की गाय तथा बछड़ों के विशिष्ट गुणों को मूल स्वरूप को संरक्षित रखा जा सके।
वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि इस परियोजना की लागत को आर्थिक रुप से किफायती बनाने के लिए इस परियोजना के अन्तर्गत हरा चारा पैदा करने के लिए चारा, दाना, खुराक, साईलेज आदि का उत्पादन स्थानीय स्तर पर ही किया जाएगा। परियोजना के अंतर्गत 9 एकड़ भूमि में 7.77 लाख रुपये की लागत से हरे चारे का उत्पादन किया जाएगा तथा पशुओं के गोबर से ऑर्गेनिक खाद तैयार की जाएगी जिसका हरे चारे के उत्पादन में उपयोग किया जाएगा।