38 सवारियों की जान बचाने वाले बस चालक के घर पहुंचे संदीप कुमार, सौंपा नियुक्ति पत्र

38 सवारियों की जान बचाने वाले बस चालक के घर पहुंचे संदीप कुमार, सौंपा नियुक्ति पत्र

APR 12, 2022 मंडी
मंडी जिले के पंडोह में 4 अप्रैल को हुए एचआरटीसी बस हादसे में अपने प्राणों की आहुति देकर 38 सवारियों की जान बचाने वाले बस चालक 33 वर्षीय स्वर्गीय नंद किशोर की धर्मपत्नी चिंता देवी को हिमाचल सरकार ने रिकॉर्ड समय में नौकरी देकर ‘गुड गवर्नेंस’ का उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। चिंता देवी को उनकी पात्रता के अनुरूप निगम में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियुक्त किया गया है। एचआरटीसी के प्रबंधक निदेशक संदीप कुमार ने खुद कोटली उपमंडल के ढंडाल गांव में उनके घर जाकर चिंता देवी को नियुक्ति पत्र सौंपा।

रिकॉर्ड समय में पूरी की प्रक्रिया
यह अपने आप में अभूतपूर्व है कि एचआरटीसी प्रबंधन ने रिकॉर्ड समय में चिंता देवी को नौकरी देने से जुड़ी सारी प्रक्रिया को पूरा किया है। संदीप कुमार ने बताया कि शिमला मुख्यालय में दस्तावेज प्राप्त होते ही महज एक दिन में प्रक्रिया को पूरा किया गया। 8 अप्रैल प्रातः दस्तावेज शिमला कार्यालय पहुंचे थे, दिन में सारी प्रक्रिया पूर्ण कर उसी सायं नियुक्ति पत्र जारी कर दिया गया।
एचआरटीसी की इस खास पॉलिसी की वजह से रिकॉर्ड समय में नौकरी देना हुआ संभव
स्वर्गीय नंद किशोर की धर्मपत्नी को अनुकंपा आधार पर नहीं बल्कि एचआरटीसी की खास पॉलिसी की वजह से इतने कम समय में नौकरी दे पाना संभव हुआ है। संदीप कुमार ने बताया कि एचआरटीसी के निदेशक मंडल ने 18 दिसंबर 2021 को फैटल-नॉन फैटल पॉलिसी बनाई थी। इसमें मुख्य रूप से बस दुर्घटना में मृत्यु अथवा एक्टिव ड्यूटी पर हादसे में 80 फीसदी विकलांगता पर परिवार के पात्र सदस्य को अधिकतम 3 महीने के अंदर नौकरी देने का प्रावधान किया गया है। इसमें आय सीमा कोई शर्त नहीं रखी गई है।
वहीं नौकरी के लिए पद खाली होने का भी इंतजार नहीं किया जाएगा। इस पॉलिसी में एचआरटीसी के अनुबंध और डेली वेज समेत सभी कर्मचारियों को कवर किया गया है। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी कर्मी दुर्घटना प्रवण वातावरण में काम करते हैं, ऐसे में यह पॉलिसी उनके लिए बहुत भरोसा देने वाली है।
नंद किशोर अभी अनुबंध पर थे, पर एचआरटीसी की फैटल-नॉन फैटल पॉलिसी के चलते उनकी धर्मपत्नी को नौकरी देने का मामला इतने कम समय में सिरे चढ़ पाया। नंद किशोर के पीछे परिवार में उनकी बीमार मां, पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं।
एचआरटीसी ने दिए 2.05 लाख
संदीप कुमार ने बताया कि एचआरटीसी ने 1.25 लाख रुपये सहायता राशि के रूप में नंद किशोर के परिवार को दिए हैं। वहीं, एचआरटीसी परिवार ने विशेषकर चालकों व परिचालकों ने योगदान देकर 55 हजार रुपये उनके परिवार सौंपे हैं। वहीं 25 हजार रुपये परिवहन मंत्री ने अपनी ओर प्रभावित परिवार को दिए हैं। इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से भी सहायता राशि दी गई है।