हिमाचल प्रदेश बार एसोसिएशन द्वारा डीजीपी के खिलाफ प्रस्ताव पारित

शिमला, 24 अगस्त। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की आज आपातकालीन बैठक हुई। अधिवक्ताओं ने बैठक में अधिवक्ता ज्योतिका शर्मा द्वारा पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के खिलाफ दुर्व्यवहार व झूठे मामले में फसाने बाबत दी गयी शिकायत पत्र पर चर्चा की । बार एसोसिएशन ने बैठक में सभी अधिवक्ताओं द्वारा रखे विचारों पर अवलोकन करने के पश्चात यह निर्णय लिया कि बार एसोसिएशन रेसोल्यूशन के माध्यम से गृह सचिव भारत सरकार, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश व गवर्नर हिमाचल प्रदेश से पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू के खिलाफ उपयुक्त विभागीय एवं अन्य कार्रवाई की मांग की जाएगी।

बार एसोसिएशन ने मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया व मुख्य न्यायाधीश हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से भी रेसोल्यूशन के माध्यम से इस मामले पर उपयुक्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग करने की बात कही। मामले के अनुसार अधिवक्ता ज्योतिका शर्मा ने बताया कि पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया एवं उसे 107 व 151 सीआरपीसी के एक झूठे मामले में फंसाया है। एक अन्य मामले में मोहन शर्मा अधिवक्ता द्वारा भी रजिस्टार कोऑपरेटिव सोसाइटीज राजेश शर्मा खिलाफ दुर्व्यवहार की शिकायत दर्ज की थी जिसे बार एसोसिएशन ने गंभीरता से लेते हुए इस अधिकारी के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

जयराम ठाकुर ने किया डीजीपी का बचाव

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने डीजीपी संजय कुंडू पर वकीलों द्वारा लगाए गए आरोपों के मामले में उनका बचाव किया है। जयराम ठाकुर ने आज शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि बार काउंसिल जिस तरह मामले को उठा रही है वह तरीका सही नहीं है। उन्होंने कहा कि एक सभ्य समाज के वर्ग के साथ दुर्व्यवहार करने और उनके परिवार में घुसने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि ये सब एक धार्मिक संस्था की सम्पत्ति पर कब्जा करने की मंशा से किया गया है। धार्मिक संस्था द्वारा इस बारे में बार-बार शिकायत की गई। इसके बाद ही पुलिस ने कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में डीजीपी ने भी महिला वकील को समझाने की कोशिश की लेकिन डीजीपी की मौजूदगी में ही महिला वकील ने मौके पर दुर्व्यवहार किया। ऐसे में इस घटना में दोषी के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को इस तरह कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती।