प्रश्नकाल पौंग डैम के वैटलैंड एरिया में खेती करने की अनुमति: सुक्खू
अभी इको सेंसिटिव जोन की नहीं हुई है अधिसूचना जारी
बोटिंग के लाइसेंस जारी करने को पर्यटन विभाग को दिए निर्देश
शिमला, 23 फरवरी। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के विश्व प्रसिद्ध पौंग डैम एरिया वेटलैंड में अब खेती-बाड़ी भी हो सकेगी। सरकार ने इस साल से इसकी इजाजत दे दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक होशियार सिंह के मूल और भवानी सिंह पठानिया व बिक्रम सिंह के प्रतिपूरक के सवाल के जवाब में यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौंग डैम एरिया को अभी तक इको सेंसिटिव जोन घोषित नहीं किया गया है और न ही इसकी कोई अधिसूचना जारी की गई है। उन्होंने कहा कि जब इसे अधिसूचित किया जाएगा, उससे पहले संबंधित विधानसभा हलकों के विधायकों से चर्चा कर उनके सुझाव लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अभी वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी एरिया से कुछ हिस्से को हटाने के प्रयास कर रही है, लेकिन इसके नियम काफी कड़े हैं। उन्होंने कहा कि पहले वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी की अधिसूचना जारी होगी और उसके बाद इको सेंसिटिव जोन बनाने का कार्य किया जाएाग। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है और विधायक काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी चिंता से वाकिफ है और जल्द ही सभी से विचार-विमर्श किया जाएगा और वे पीसीसीएफ को भी लिखकर दे सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। इसका कारण प्राकृतिक आपदा और बोटिंग के लाइसेंस पिछले लंबे समय से जारी न होना है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग को आदेश जारी कर दिए गए हैं कि वह बोटिंग के लाइसेंस जारी करे। उन्होंने कहा कि पौंग डैम एरिया में कोई टाइगर नहीं है। उन्होंने कहा कि पौंग डैम में वित्त वर्ष 2021-22 में 881680 रुपए और वर्ष 2022-23 में 216810 और वर्ष 2023-24 में इस साल 15 जनवरी तक 236150 रुपए की आय टिकट विंडो, बोटिंग और रेस्ट हाउस से हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में 4956, वर्ष 2022-23 में 2198 और वर्ष 2023-24 में अब तक 1728 सैलानी यहां आए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में 110 प्रजाति के 110309 पक्षी, वर्ष 2022-23 में 108 प्रजाति के 117022 और वर्ष 2023-23 में अब तक 86 प्रजाति के 83555 पक्षी यहां पर आए हैं। इस बीच, कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन की जब अधिसूचना जारी की, उस समय किसी से भी आपत्तियां नहीं मंगवाई गई, जबकि ऐसा होना चाहिए था कि पहले आपत्तियां मंगवाते। उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड है और यहां कई तरह के नियम यहां लागू होते हैं। उन्होंने कहा कि इको सेंसिटिव जोन बनने के बाद वहां किसी भी तरह के निर्माण के लिए पहले अनुमति अनिवार्य हो जाएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि यह अधिसूचना वापस होनी चाहिए। बॉक्स जल जीवन मिशन के तहत केंद्र से मांगा दो हजार करोड़, 138 स्कीमों का कार्य अभी भी अधूरा: हर्षवर्धन चौहान उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत अभी भी 138 स्कीमों का कार्य अधूरा है। इस कार्य को पूरा करने और बचे हुए पेयजल कनेक्शन जारी करने के लिए केंद्र सरकार से दो हजार करोड़ रुपए की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में 15 जनवरी 2024 तक 1163 योजनाएं स्वीकृत हुईं व इन योजनाओं की 2470.21 करोड़ रुपए की प्रशासनिक अनुमोदन व व्यय स्वीकृति हुई। वे विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायक विपिन सिंह परमार, दलीप ठाकुर और सुखराम चौधरी के संयुक्त सवाल का जवाब दे रहे थे। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश के सभी घरों में पानी का कनेक्शन लग गया है और इसे आधार से लिंक किया गया है। जबकि वास्तविकता यह है कि परिवार के सदस्य अलग-अलग जगहों पर रहते हैं और घर के मुखिया को ही पेयजल कनेक्शन मिले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे सभी घरों को चिन्हित करेगी और वहां पर पेयजल कनेक्शन जारी करेगी। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी 2024 तक 2257.50 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय हुई तथा इन योजनाओं से 6,75,892 घरों/परिवारों को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2020-21 से 15 जनवरी 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत सभी को कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन प्रदान कर दिए गए हैं। जल जीवन मिशन जल शक्ति मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार प्रदेश में कोई भी कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन शेष नहीं है। जबकि वास्तविकता यह है कि कई स्थानों पर पेयजल कनेक्शन लगने बाकी हैं। बॉक्स आपात स्थिति में इंदौरा से पठानकोट के लिए एंबुलेंस भेजने पर विचार करेगी सरकार: शांडिल स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि आपात स्थिति में इंदौरा से पठानकोट के लिए एंबुलेंस सेवा भेजने पर सरकार विचार करेगी। उन्होंने कहा कि अभी तक नियमों में इसका प्रावधान नहीं है और सरकार इस मामले में केंद्र से भी परामर्श लेगी। विधायक केवल सिंह पठानिया ने मलेंद्र राजन की गैर मौजूदगी में कहा कि इंदौरा से पठानकोट की दूरी 8 से 10 किमी है और वहां के लिए एंबुलेंस सेवा नहीं दी जाती, लेकिन चंडीगढ़, जो वहां से काफी दूर है, वहां के लिए एंबुलेंस भेजी जाती है। उन्होंने कहा कि आपात स्थिति में प्राथमिकता नजदीक के अस्पताल पहुंचाने की होती है। उन्होंने कहा कि इन नियमों से लोग परेशान होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर विचार करे और जो जरूरी संशोधन है, वह करे। बॉक्स डीसी और परियोजना निदेशक एक सप्ताह में मौके पर जाकर निपटाएंगे समस्या: नेगी राजस्व मंत्री जगत सिंह ने कहा कि कांगड़ा जिले में शाहपुर विधानसभा हलके से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय उच्च मार्ग में लोगों की समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उपायुक्त कांगड़ा और परियोजना निदेशक को निर्देश जारी करेगी कि वह एक सप्ताह के भीतर मौके पर जाकर प्रभावितों की समस्याओं को सुने और उनका निपटारा करे। विधायक केवल सिंह पठानिया और पवन काजल के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्गों और हवाई अड्डों के विस्तारीकरण में मुआवजे की अदायगी के लिए सर्कल रेट निर्धारित नहीं किए जाते, बल्कि सर्कल रेट तय करने की एक सामान्य प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ लगती जमीन का सर्कल रेट अलग होगा और ग्रामीण सड़कों का और होगा। उन्होंने कहा कि विधायक ने जो सवाल उठाए हैं कि फोरलेन में भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा अलग-अलग रेट पर दिया गया है, ऐसा हो सकता है, क्योंकि सर्कल रेट अलग-अलग होने के कारण ऐसा संभव है।