सुक्खू ने नए साल पर त्यागी बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी
हिमाचल बिजली बोर्ड को साल में होगी 200 करोड़ की बचत
शिमला, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नए साल में स्वेच्छा से बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी त्याग दी है। सुक्खू ने बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की घोषणा शिमला में एक पत्रकार वार्ता में की। उन्होंने इसके लिए बनाये गए फॉर्म को भर कर सब्सिडी छोड़ने का एलान किया। साथ ही उन्होंने ये भी घोषणा की है कि उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी स्वेच्छा से बिजली की सब्सिडी त्याग देंगे। सुक्खू ने इस मौके पर कहा कि हिमाचल के लोग धनवान हैं लेकिन सरकार गरीब है। ऐसे में यदि राज्य के वे सभी लोग स्वेच्छा से बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ देते हैं जो बिजली का वास्तविक बिल दे सकते हैं तो हिमाचल बिजली बोर्ड को साल में 200 करोड़ रूपये की आय होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए ऐलान किया कि वह नए साल से अपने सरकारी और निजी आवास में बिजली सब्सिडी नहीं लेंगे। सूक्खु ने कहा कि उनके नाम पर बिजली के कुल 5 मीटर हैं और वह इन सभी मीटरों पर बिजली सब्सिडी नहीं लेंगे क्योंकि वे साधन संपन्न हैं। सूक्खु ने कहा कि उन्हें इन मीटरों पर 625 यूनिट बिजली मुफ्त मिल रही है। उन्होंने ये भी कहा कि उनके मंत्रिमंडन ने भी बिजली पर सब्सिडी छोड़ दी है जिसका वे अलग अलग फॉर्म भरकर ऐलान करेंगे। मुख्यमंत्री ने आर्थिक रूप से साधन सम्पन्न सभी लोगों से स्वेच्छा से बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया ताकि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में सभी का सहयोग मिल सके। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता अमीर है लेकिन सरकार गरीब है। ऐसे में जनता को समाज और प्रदेश हित में आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों और पेंशनरों ने भी बिजली पर उनको मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने का फैसला किया है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को भी इस बारे में सोचना चाहिए। हालांकि मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सब्सिडी छोड़ने का फैसला स्वेच्छिक है और इसे किसी पर जबरन नहीं थोपा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई व्यक्ति ऐसे हैं जिनके नाम पर 200-200 मीटर लगे हुए हैं। यही नहीं एक व्यक्ति के नाम पर 285 मीटर लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जब सत्ता संभाली थी तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था काफी खस्ता थी लेकिन दो साल में सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं जिसके चलते 2200 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया है। उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए सरकार और कड़े कदम उठाएंगे जिसकी शुरुआत मंत्रिमंडल खुद से कर रहा है। सारा मंत्रिमंडल बिजली पर सबसिडी को छोड़ रहा है और प्रदेश के साधन सम्पन्न लोग भी इसे खुद से त्याग करें। उन्होंने कहा कि लोग 1100 और 1921 पर भी कॉल कर बिजली सब्सिडी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं।