जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का एकदिवसीय कार्यशाला

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का एकदिवसीय कार्यशाला

शिमला, 15 सितंबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिमला के सचिव रमणीक शर्मा ने बताया कि रोहडू उपमण्डल के अंतर्गत आने वाली पंचायतों के 120 प्रधानों, उपप्रधानों एवं वार्ड सदस्यों को विभिन्न कानूनों के बारे में अवगत करवाने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में प्रधानों, उप-प्रधानों एवं वार्ड सदस्यों को विभिन्न कानूनों के बारे में डिजिटल तरीके से जानकारी प्रदान की गई।

उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों को मुफ्त कानूनी सहायता, विवाद के वैकल्पिक समाधान, पंचायती राज अधिनियम के अंतर्गत न्यायिक शक्तियां, घरेलू हिंसा अधिनियम, रिमांड स्टेज पर गिरफ्तार व्यक्तियों के अधिकारों तथा गिरफ्तारी के पहले अधिकारों तथा अधिनियम 41(a) व 41(d) के प्रावधानों के बारे में बताया गया।

उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के सदस्य, संविधान के अनुच्छेद 23 में मानव दुर्व्यवहार या बेगार का शिकार, महिला या बालक, मानसिक रोगी या विकलांग व्यक्ति, अनपेक्षित अभाव जैसे बहुविनाश जातीय हिंसा, जातीय अत्याचार, बाढ़, सूखा, भूकम्प या औद्योगिक संकट के शिकार, औद्योगिक श्रमिक, करागृह, किशोर, मनोचिकित्सा अस्पताल, मनोचिकित्सकीय परिचर्या गृह में अभिरक्षा में रखे गये व्यक्ति, हिजड़ा समुदाय से सम्बंधित, सामान्य वर्ग का व्यक्ति जिसकी सालाना आय रूपये तीन लाख से कम हो और एच आई वी या एड्स से पीड़ित सभी व्यक्ति विधिक सेवा अधिनियम, 1987 के अनुसार मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार रखते हैं।