सरकार के खिलाफ सड़कों पर उत्तरी महिलाएं , 15 दिनों में डॉक्टरों की तैनाती नहीं हुई तो सचिवालय के बाहर करेंगी प्रदर्शन
नाहन 29 दिसम्बर सरकार के चार साल के कार्यकाल पूरे होने के अवसर पर जहां सरकार द्वारा जश्न का माहौल बनाया जा रहा है वहीं, हरिपुरधार में महिलाएं सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरी। गौर हो कि गत दिवस इलाज के अभाव में रनवा गांव के एक व्यक्ति की मौत से गुस्साई महिलाओं ने महिला मंडल प्रधान राधा देवी की अगुवाई में सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। महिलाएं पहले सीधी अस्पताल पहुंचीं। जहां डॉक्टर के बारे में पूछताछ की तो उन्हें बताया कि डॉक्टर साहब एक सप्ताह के अवकाश पर हैं। वहां मरीजों का इलाज फार्मासिस्ट को करते देखकर महिलाओं का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। गुस्साई महिलाओं ने सीएचसी का घेराव कर दिया और मुख्यमंत्री, सीएमओ, बीएमओ व स्थानीय विधायक के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। महिलाओं का गुस्सा वहीं शांत नहीं हुआ। महिलाएं नारेबाजी करते हुए बाजार के मुख्य चौक पर पहुंच गई और वहां पर फिर से नारेबाजी शुरू कर दी। महिला मंडल प्रधान राणा देवी, रुकमणी देवी, आशा देवी, निटी शर्मा व सैना देवी आदि महिलाओं ने बताया कि सीएचसी हरिपुरधार को सीएचसी का दर्जा प्रदान किए करीब दो वर्ष से अधिक का समय हो गया है, मगर यहां पर सुविधाएं अभी भी डिस्पेंसरी जैसी हैं। उन्होंने बताया कि स्टाफ के नाम पर यहां दो डॉक्टर तैनात हैं, जिनमें से एक डॉक्टर को पिछले करीब डेढ़ वर्षों से भी अधिक समय से संगड़ाह डिप्यूट किया है। यहां पर 24 घंटे एकमात्र डॉक्टर सेवाएं दे रहा है जो एक सप्ताह की छुट्टी पर है। महिलाओं ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के चलते क्षेत्र में बिना इलाज के अभाव में कई मरीज दम तोड़ चुके हैं। कौशल्या देवी व आशा देवी ने बताया कि इलाज के अभाव के कारण वह अपने पति को खो चुकी हैं। निटी शर्मा ने बताया कि कुछ दिनों पहले उनकी एक रिश्तेदार को जब इलाज के लिए यहां लाया गया था तो सीएचसी में ताला लटका हुआ था। मरीज को सोलन ले जाना पड़ा जिसके कारण उनके रिश्तेदार को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। महिलाओं ने इसके लिए सरकार के साथ ही स्थानीय विधायक को भी जमकर कोसा। महिलाओं ने कहा कि स्थानीय विधायक की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि क्षेत्र की इस गंभीर समस्या को वह सरकार के समक्ष उठाएं। महिलाओं ने सरकार को 15 दिनों के भीतर डॉक्टरों के सभी पदों को भरने का अल्टीमेटम दिया है। महिलाओं ने चेतावनी दी है कि यदि 15 दिनों के भीतर चिकित्सकों के खाली पदों को नहीं भरा गया तो आंदोलन को और तेज कर देंगी। जरूरत पड़ी तो शिमला में सचिवालय का भी घेराव करेंगी। प्रदर्शनकारियों में चंद्रकला, रीना, विद्या देवी, मुरतो देवी, इंदु शर्मा, कांता शर्मा, लक्ष्मी चौहान, श्यामा देवी, मूरतो, विटी पटयाल, मंजू राणा व कृष्णा समेत दर्जनों महिलाएं शामिल थी।