नियम-130
मुख्यमंत्री की विपक्ष को नसीहत
कोरोना पर न करे राजनीति, यह बहुत बड़ा पाप
शिमला, 9 अगस्त। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष को नसीहत दी है कि वह कोरोना महामारी पर राजनीति न करे, यह बहुत बड़ा पाप होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए दान में मिले एक-एक पैसे का सदुपयोग किया है। उन्होंने कहा कि विधायकों ने जिस पुण्य भाव से अपना वेतन कोरोना महामारी से लड़ने के लिए दिया, उसी पवित्र भाव से हमने भी एक-एक पैसे से जनता की सेवा की। यह बात मुख्यमंत्री ने आज विधानसभा में नियम 130 के तहत कोरोना महामारी से संपूर्ण जनमानस पर पड़े प्रभाव तथा निजात के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर लाई गई चर्चा में हस्तक्षेप के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष द्वारा बिना तथ्यों के आरोप लगाना गलत है। उन्होंने कांग्रेस के जगत सिंह नेगी द्वारा प्रधानमंत्री को लेकर की गई टिप्पणी पर भी कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि यह कहना सरासर गलत है कि प्रधानमंत्री ने एक करोड़ लोगों को वेक्सीन लग जाने के बाद ही कोविड वेक्सीन लगाई। उन्होंने कहा कि वेक्सीन ही कोरोना से बचने का एक मात्र रास्ता है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हमने प्रदेश में कोरोना से लड़ने के हर संभव प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारे डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और फ्रंट लाइन वर्कर्ज ने अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। इसलिए विपक्ष उन्हें हतोत्साहित न करे। मुख्यमंत्री ने माना कि हमारे प्रयासों में कमी होगी, लेकिन वह दूर होनी चाहिए, न कि उस पर राजनीति होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोरोना वेक्सीन को लेकर सरकार ने जो प्रचार किया है, उस पर एक भी पैसा कोरोना से लड़ने के लिए दान में मिले पैसे से खर्च नहीं किया गया है।
इससे पूर्व कांग्रेस सदस्य इंद्रदत्त लखनपाल ने सदन में नियम 130 के तहत कोरोना महामारी से संपूर्ण जनमानस पर पड़े प्रभाव तथा निजात के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को लेकर प्रस्ताव सदन में पेश किया। लखनपाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण से निपटने में सरकार असफल रही है। उन्होंने कहा कि हमीरपुर से कोरोना का जो भी केस नेरचौक मेडिकल कालेज भेजा जाता था, उनको सही ट्रीटमेंट नहीं मिला और उनकी मौत हो गई। वहां पर मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी और इस कारण उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है और जो उपकरण खरीदे गए, वे भी निम्न स्तर के खरीदे गए।
विक्रमादित्य सिंह ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि राज्य में कोरोना वेक्सीन टीकाकरण जिस गति से होना चाहिए था, वह नहीं हुआ। उन्होंने सरकार पर कोरोना वेक्सीन के प्रचार-प्रसार पर फिजूलखर्ची का भी आरोप लगाया और कहा कि सरकार सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पहली वेव नेचुरल थी, जबकि दूसरी वेव मैन मेड थी। उन्होंने कहा कि देश के प्रमुख तीन संस्थानों में हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले डॉक्टर उच्च पद पर हैं और यदि हिमाचल सरकार ने इनकी बात भी सुनी होती तो यहां पर कोविड के कारण इतनी भयानक स्थिति न होती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इसका खामियाजा हिमाचल की जनता को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा कि पीएम केयर के तहत मिले वेंटीलेटर खराब निकले और आधे से ज्यादा वापस भेजने पड़े।
भाजपा के नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि वर्तमान सरकार ने बेहतर ढंग से कोरोना से जंग लड़ी है और हिमाचल कोरोना से निपटने में पहले स्थान पर रहा है। प्रदेश में 70 फीसदी लोगों को कोरोना वेक्सीन की पहली डोज लग चुकी है और 30 फीसदी लोगों को दूसरी डोज भी लगी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष पर तंज कसा कि वे एक मास्क देते हैं और उसका फोटो खींचकर प्रचार करने लगते हैं, जबकि संकट के इस दौर में सभी जनता की सेवा कर रहे हैं।
मोहन लाल ब्राक्टा ने कहा कि कोरोना से निपटने में यदि सरकार ने लापरवाही न बरती होती तो राज्य में इससे 35 सौ से अधिक मौतें न होती। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण जो अनाथ हुए हैं, उनके बारे में भी सरकार ने अभी तक कुछ नहीं सोचा है और सरकार चेयरमैन और वाइस चेयरमैन लगाने में व्यस्त हैं।
विनोद कुमार ने कहा कि हिमाचल में 53 लाख से अधिक लोगों की कोविड वेक्सीन की गई है। उन्होंने कहा कि कोविड काल में सरकार ने सुंदर व्यवस्था की और इस संकट से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने होम आइसोलेशन किट मरीजों को उपलब्ध करवाई और 40 हजार किटें बांटी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि जो मरीज आए थे, उन्हें दवाई उपलब्ध करवाई हैं और घरों में मरीजों को पहुंचाई है।
माकपा के राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी वेव से निपटने के लिए तैयार नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा कि तीसरी वेव की तैयारी में दूसरी वेव में रही कमी को दूर किया जाना चाहिए। इसलिए अभी से इसके लिए कदम उठाए जाने चाहिए। ऐसा न किया तो हालात और खराब होंगे। उन्होंने सरकार से इसमें गंभीरता से कार्य करने की बात कही।
सदस्य बिक्रम जरियाल, नंद लाल, किशोरी लाल और राजेंद्र राणा, परमजीत सिंह पम्मी, कमलेश कुमारी, सुंदर ठाकुर, विशाल नैहरिया, जगत सिंह नेगी और सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।