शिमला, 06 सितंबर। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि बीबीएमबी जलाशय से पीने और सिंचाई का पानी उठाने के लिए किसी तरह की एनओसी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल अपने हिस्से का 7.19 फीसदी पानी बिना किसी अनापत्ति प्रमाण पत्र के उठा सकता है। उन्होंने सदन में इस संबंध एक में अधिसूचना भी रखी। उन्होंने कहा कि इस इस अधिसूचना को कांगड़ा, बिलासपुर, मंडी के उपायुक्तों को भी भेज दिया जाएगा। इसके अलावा जल शक्ति विभाग के ईएनसी को भी भेजा जाएगा, ताकि वह बिना किसी रोकटोक के पानी की स्कीमों को तैयार कर सकें। वे शुक्रवार को सदन में नियम-62 के तहत बीबीएमबी द्वारा निर्मित/संचालित बीएसएल सुंदरनगर जल विद्युत परियोजना से लोगों को आ रही समस्याओं को लेकर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास कार्य में बीबीएमबी जो भी आपत्तियां लगा रहा है, उसका मसला बीबीएमबी प्रबंधन से उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी डैम किनारे निकलने वाले रोड और नेशनल हाइवे पर फेंसिंग लगाने के लिए भी कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि जो जमीन बीबीएमबी की खाली पड़ी है उनका उपायुक्तों के माध्यम से डिर्माकेशन करवाया जाएगा, ताकि पता चल सके कि कितनी जमीन है और किस प्रकार से इन्हें प्रयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सारी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद इस प्रोसेस को आगे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडोह डैम का संचालन उचित मानकों पर नहीं किया जा रहा है। जिस वजह से पिछली बरसात में निचले क्षेत्रों में भारी तबाही हुई। उन्होंने कहा कि बरसात में बग्गी सुंदरनगर नहर में रिसाव की भी घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा सिल्ट, गाद का सुकेती खड्ड में छोड़ा जाना भी एक समस्या बनी हुई है। उन्होंने कहा कि परियोजना निर्माण के दौरान बीबीएमबी द्वारा बहुत अधिक भूमि अधिग्रहण की गई थी, परंतु अब संचालन के समय इतनी अधिक भूमि की आवश्यकता बीबीएमबी को नहीं है, परंतु बीबीएमबी कोई भी बची भूमि प्रदेश सरकार को वापिस नहीं करना चाहती। उन्होंने कहा कि बांधों का संचालन अब बांध अधिनियम 2021 के अन्तर्गत होता है, परंतु तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी इस क्षेत्र में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं की है। इस संदर्भ में जो उचित कार्यवाही बनती है, वो अमल में भी लाई जा रही है। इससे पहले, नियम-62 के तहत लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोलते हुए सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि बीबीएमबी उनके विधानसभा क्षेत्र में लोगों को सुविधाएं नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी ने जो सड़के बनाई है वह पूरी तरह से टूट चुकी है। एक-एक फीट गहरे गड्डे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यहां पर बीबीएमबी का एक सीवरेज प्लांट भी है, लेकिन बिना ट्रीटमेंट के ही सीवरेज को सुकेती खड्ड में डाला जा रहा है, जिससे की सुंदरनगर एरिया में बीमारियों के फैलने का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा उन्होंने बीबीएमबी द्वारा सुंदरनगर झील से निकलने वाली गाद को लेकर भी कहा। उन्होंने कहा कि गाद को खड्ड में डाला जा रहा है, जिससे बरसात में गाद पानी के साथ स्थानीय लोगों के खेतों में चली जाती है, जिससे की फसलें बर्बाद हो रही है। उन्होंने कहा कि बीबीएमबी की कई काॅलोनियां ऐसी हैं जो खाली पड़ी हुई है। अब यह नशेड़ियों का अड्डा बन गई है। यहां पर जंगली जानवर और बेसहारा पशु रह रहे हैं। इसका भी प्रयोग होना चाहिए। विपिन सिंह परमार ने कहा कि बीबीएमबी की जो खाली जमीन है उसे क्या लीज पर लेकर सरकार यहां पर टूरिज्म एक्टिविटी चला सकती है, जिससे की हिमाचल की आर्थिक स्थिति ठीक होगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद जो एरियर नहीं मिल रहा है उसको मजबूती से रीजनल काउंसिल की मीटिंग में रखे। विनोद कुमार ने कहा कि बीबीएमबी की जो नहर बनी है वह 10 किमी. है। जिसमें 8 किमी. नाचन में आती है। उनके एरिया से जो नहर गुजरती है। बीबीएमबी ने चार गुणा जमीन कोड़ियों के भाव से एक्वायर की है। जब भी यहां पर कोई विकास कार्य करना होता है तो बीबीएमबी के लोग काम को रोक देते हैं। उन्होंने कहा कि जो भी लोगों के विकास के लिए काम हो रहे हैं उस पर बीबीएमबी अड़ंगा न लगाए। हरियाणा में नहीं मिल रही भाखड़ा विस्थापितों को सुविधाएंः रणधीर शर्मा विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में भी भाखड़ा बांध विस्थापितों की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कई विस्थापित ऐसे हैं जिन्हें अभी तक प्लाॅट तक नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि 1993 में विस्थापितों से एप्लीकेशन भी मांगी गई थी, जिसमें से कुछ को तो प्लाॅट मिल गए, लेकिन कुछ को नहीं मिले। उन्होंने कहा कि भाखड़ा विस्थापित जिन्हें हरियाणा के हिसार में प्लाॅट दिए गए हैं वहां पर उन्हें सुविधाएं नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने यहां पर प्लाॅट नहीं लिए वहां के स्थानीय लोगों ने इन पर कब्जे कर लिए हैं और अब जब वह वहां जाना चाहते हैं तो उन्हें हक नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोग इन्हें सेकेंड ग्रेड सिटीजन मानते हैं। रणधीर शर्मा ने झंडूता और बिलासपुर को जोड़ने के लिए बागछाल पुल बन कर तैयार हो गया है। ऐसे में अब श्रीनयना देवी के लिए भी इस तरह का पुल बनना चाहिए, ताकि बाबा बालक नाथ आने वाले लोग श्री नयना देवी मंदिर भी पहुंच सके। उन्होंने सीएम से मांग की कि श्री नयना देवी के लिए अब गोविंद सागर झील से पानी की स्कीम भी बनानी चाहिए, ताकि लोगों को पानी मिल सके।