आज चालान नहीं, मास्क बंटे पर्यटकों में
शिमला, 10 जुलाई। इसे शिमला पुलिस की सराफत कहें या गांधीगिरी, लेकिन ये सच है कि आज पहाड़ों की रानी शिमला में कोरोना से बेखौफ घूम रहे पर्यटकों के चालान नहीं कटे बल्कि उन्हें शिमला पुलिस ने मास्क बांटे। कोरोना कर्फ्यू की बंदिशें खत्म होते ही पहाड़ पर पर्यटकों का रेला है। हालत यह है कि कोरोना संक्रमण के बावजूद पहाड़ों पर मौज मस्ती के लिए पहुंच रहे पर्यटक न तो सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं और न ही कोरोना से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहाड़ों पर बेखौफ घूम रहे इन पर्यटकों की भीड़ की तस्वीरें और वीडियो से सोशल मीडिया भरा हुआ है। नतीजतन केंद्र सरकार से लेकर अदालतों तक को आशंका है कि कहीं अगली कोरोना लहर पहाड़ों से शुरू न हो।
पहाड़ों पर पर्यटकों की इस बेखौफ रेलमपेल के आगे प्रशासन भी बेबस नजर आ रहा है। हिमाचल पुलिस अभी तक मास्क न पहनने वाले लोगों के चालान काट कर पांच करोड़ रुपए से अधिक का जुर्माना लगा चुकी है लेकिन पर्यटक है कि मास्क पहनने को तैयार नहीं है। ऐसे में अब शिमला पुलिस गांधीगिरी से कोरोना से बेखौफ इन पर्यटकों को समझाने का प्रयास कर रही है ताकि कोरोना की अगली लहर को रोका जा सके। इसी कड़ी में शिमला पुलिस शनिवार और रविवार दो दिनों तक शिमला शहर में बिना मास्क से घूम रहे पर्यटकों को मास्क बांट रही है। साथ ही इन पर्यटकों को कोरोना संक्रमण की भयावहता से भी जागरूक कर रही है ताकि इन्हें डंडे के जोर से न सही गांधीगिरी से ही इस महामारी के बारे में कुछ जागरूक किया जा सके।
शिमला के पुलिस अधीक्षक मोहित चावला के अनुसार शनिवार और रविवार को शिमला में पर्यटकों की भारी भीड़ होती है। इसी को देखते हुए जिला पुलिस ने पर्यटकों को मास्क बांटने और उन्हें कोरोना महामारी के बारे में सचेत करने का फैसला किया। शिमला पुलिस ने इस कार्य के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया है जो शहर के मालरोड, रिज और आसपास के इलाकों में घूम-घूमकर बिना मास्क के घूम रहे पर्यटकों को मास्क बांट रही है साथ ही उन्हें यह भी समझाया जा रहा है कि ये व्यवस्था केवल उन्हें जागरूक करने के लिए है और उनके चालान अभी भी हो सकते हैं। पुलिस अधीक्षक मोहित चावला ने आज स्वयं भी इस मुहिम का जायजा लिया और पर्यटकों को मास्क पहनने की सलाह दी।