जरूरत पड़ी तो बदली जा सकती है एनएच 707 में टूटे हिस्से की अलाइनमेंट : मुख्यमंत्री
शिमला, 3 अगस्त। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है कि एनएच 707 पर काली ढांक के पास भूस्खलन से सड़क के टूटे हिस्से को इंजीनियर स्टडी कर रहे हैं और यदि जरूरत पड़ी तो इसकी अलाइनमेंट भी बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि भू वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर रहे हैं और उनकी रिपोर्ट के बाद कोई कदम उठाया जाएगा। वे आज विधानसभा में कांग्रेस सदस्य हर्षवर्धन चौहान द्वारा नियम 62 के तहत उठाए गए इस मामले का जवाब दे रहे थे।
जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल पहाड़ी राज्य है और बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन होता है और कई जगह नालों में पानी बढ़ने से नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि इस बरसात में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। कांगड़ा के शाहपुर के बोह में बारिश से नुकसान हुआ और 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 को बचाने में सफल रहे। वहीं, किन्नौर के सांगला के बटसेरी में अचानक भूस्खलन हुआ। वहां पर तो बारिश भी नहीं हुई थी और भूस्खलन की चपेट में एक गाड़ी आ गई जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई। वहीं एक पुल भी टूट गया। इसी प्रकार की स्थिति लाहौल-स्पीति में भी हुई, जहां बरसात में बारिश नहीं होती। वहां पर 10 लोगों के मलबे की चपेट में आए और इनमें से 7 के शव बरामद हुए और तीन अभी भी लापता हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिलाई में भूस्खलन से एनएच 707 भी टूटा है और यह मार्ग इस समय एनएचएआई के अधीन है। इस 103 किमी. लंबे मार्ग पर काली ढांक के पास भारी भूस्खलन हुआ है। इससे किसी जान का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन सड़क को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग से कई स्थानों के लिए संपर्क टूटा है। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश के कारण इस मार्ग को खेलने के कार्य में देरी हो रही है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग को बहाल करने में 10 से 15 दिन लगेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल की परिस्थिति यह है कि यहां पर जब लैंड स्लाइड होता है तो भारी मात्रा में होता है। उन्होंने कहा कि शिमला-कालका फोर लेन पर भूस्खलन रोकने को भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के टूटे हिस्से को स्टडी करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा और यदि जरूरत पड़ी तो इसकी अलाइनमेंट को भी बदला जा सकता है।
इससे पहले कांग्रेस सदस्य हर्षवर्धन चौहान ने सदन में एनएच-707 पर काली ढांक के पास भूस्खलन आने से बंद होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यह एनएच हाटकोटी को जोड़ता है और इस मार्ग के अवरुद्ध होने से यातायात बंद हो गया है। यह मार्ग उनके हलके में आता है और वहां की लाइफलाइन है। उन्होंने कहा कि सड़कों को भारी बरसात में नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां पर सड़कों को चौड़ा किया है, वहां पर ज्यादा दिक्कत है और भूमि का सतह स्थिर नहीं है। उन्होंने कहा कि शिमला कालका फोरलेन पर भी यही स्थिति है और वहां अभी भी पत्थर गिर रहे हैं।
चौहान ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाए, जिससे कम से कम नुकसान हो, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। आज भी सड़क को दोनों तरफ से काटा जा रहा है और पहाड़ कटने से नुकसान ज्यादा हो रहा है। उन्होंने कहा कि एनएच 707 काली ढांक के पास गिरा है और उसे ठीक करने के कार्य में तेजी लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग के काम में लगी कंपनी ने नालों में डंपिंग की है और इससे नाला बंद हो गया और यह मार्ग अवरुद्ध हो गया। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि इस मार्ग पर नालों पर बनाई डंपिग साइट को बंद करवाया जाए और लोगों को राहत दी जाए।