शिमला, 15 सितंबर। शिक्षा मंत्री गोविन्द ठाकुर ने आज शिमला में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने में हिमाचल प्रदेश अग्रणी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में राज्य के 240 और विद्यालयों में छठीं, सातवीं और आठवीं के विद्यार्थियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रदेश के विभिन्न जिलों में विभिन्न हितधारकों के साथ कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अध्यापकों के हितों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के स्कूलों में कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान कर रहे आईटी अध्यापकों के मानदेय को 500 रुपये बढ़ाने सम्बन्धी मामला मंत्रिमण्डल के समक्ष रखा जाएगा। प्रदेश के वोकेशनल अध्यापकों का वेतन 15000 रुपये से बढ़ाकर 19000 रुपये किया गया है। उन्होंने अध्यापकों की एसीआर से सम्बन्धित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर कोरोना काल में बेहतर कार्य करने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि उर्दू और पंजाबी की शिक्षा अर्जित करने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए प्रदेश के कुछ विद्यालयों में इन विषयों के अध्यापक उपलब्ध करवाए जाएंगे। आधुनिक समय में योग के महत्व को ध्यान में रखते हुए क्लस्टर विद्यालयों में योग शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए मनोविज्ञान और अन्य विषयों सम्बन्धी अध्यापकों को डाइट के अन्तर्गत विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के शिक्षक वर्ग को स्टार योजना के अन्तर्गत लीडरशिप ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रतिनियुक्ति सम्बन्धी समस्या को देखते हुए डिजिटल तकनीक के माध्यम से दूर-दराज में स्थित विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय स्तर पर ई-रिर्सोस तैयार किए जाएंगे जिन्हें विद्यार्थियों के लिए स्वयं जैसे ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध करवाया जाएगा।