नगर निगम शिमला का यू टर्न एक दिन बाद ही वापस लिया सार्वजनिक शौचालय में पुरुषों पर लगाया गया यूरिनल शुल्क

शिमला, 31 दिसम्बर। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में नगर निगम शिमला द्वारा सार्वजनिक शौचालयों में पुरुषों पर लगाया गया यूरिनल शुल्क नगर निगम ने वापिस ले लिया है। नगर निगम शिमला ने बीते रोज यानि सोमवार को अपनी मासिक बैठक में शहर के 30 सार्वजनिक शौचालयों में पुरुषों पर 5 रुपये यूरिनल शुल्क लगाने का प्रस्ताव पास किया था। नगर निगम की ओर से दलील दी गई थी कि प्रदेश हाईकोर्ट ने शहर के सभी शौचालय में जेंडर इक्वलिटी लाने के लिए नगर निगम शिमला को निर्देश दिए थे क्योंकि शहर के सार्वजनिक शौचालय में महिलाओं से 5 रुपये शुल्क वसूला जा रहा था जबकि पुरुषों पर यूरिनल जाने पर इस तरह का कोई शुल्क नहीं था। ऐसे में नगर निगम ने लैंगिक समानता के लिए यह प्रस्ताव पारित किया था लेकिन देशभर में नगर निगम शिमला की दिल्ली उड़ाने के बाद नगर निगम ने आज इस तरह का कोई भी शुल्क लगाने से इनकार कर दिया। नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने एक पत्रकार वार्ता में कहा कि शहर के 30 सार्वजनिक शौचालय में पुरुषों पर यूरिनल शुल्क लगाने का मामला इन शौचायलयों का रखरखाव देख रही संस्था सुलभ इंटरनेशनल के उसे आग्रह से पनपा है जिसमें संस्था ने प्रदेश हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि वह शहर के सभी शौचालयों में महिलाओं की भांति पुरुषों पर भी यूरिनल शुल्क लगाने के नगर निगम शिमला को आदेश दें। महापौर ने कहा कि नगर निगम ने इस तरह का कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया है और नगर निगम अदालत में भी सुलभ इंटरनेशनल के इस तरह के किसी भी प्रयास अथवा मांग का विरोध करेगा क्योंकि नगर निगम शिमला सुलभ इंटरनेशनल को इन शौचायलयों के रखरखाव के लिए हर साल 2.40 लाख रुपए की राशि दे रहा है। सुरेंद्र चौहान ने कहा कि शहर में यूरिनल शुल्क लगाने का कोई औचित्य नहीं बनता। उन्होंने कहा कि इस समय भी नगर निगम शहर में महिलाओं से कोई शुल्क नहीं वसूल रहा है और नगर निगम के सभी सार्वजनिक शौचालयों में महिलाओं के लिए भी यह सुविधा निशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। शिमला शहर में इस समय नगर निगम के तहत कुल 130 सार्वजनिक शौचालय हैं।