किन्नौर में कई स्थानों पर भूस्खलन से हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग अवरुद्ध
बर्फबारी के चलते रोहतांग,कुंजम और बारालाचा दर्रे यातायात के लिए बंद
शिमला, 13 सितंबर। हिमाचल प्रदेश में जाते जाते मॉनसून फिर से डराने लगी है। प्रदेश में जहां बीते पांच दिनों से व्यापक से भारी वर्षा हो रही है वहीं इस वर्षा से एक बार फिर प्रदेश में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित होने लगा है। किन्नौर जिला में निगुलसरी के पास पहाड़ से मलबा गिरने और नदी का पानी सड़क पर आ जाने के कारण यातायात कई घंटे बाधित रहा। उरनी ढांक के पास पहाड़ से चट्टानें गिरने के कारण सतलुज नदी पर बना बैली ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया जिसे देर सांय फिर से बहाल कर दिया गया। पागल नाला में भी बाढ़ के कारण बंद सड़क को खोल दिया गया है। इस बीच भारी वर्षा को देखते हुए किन्नौर जिला प्रशासन ने एडवाईजरी जारी की है और लोगों से अनावश्यक यात्रा न करने और पर्यटकों से खतरनाक जगहों पर न जाने की अपील की है। उधर मनाली के नेहरू कुंड के पास आज भारी भरकम चट्टानें सड़क पर गिर जाने के कारण यातायात कई घंटे बाधित रहा। लाहौल स्पिति के रोहतांग, कुंजुम और बारालाचा दर्रों पर आज ताजा हिमपात हुआ है। इसके चलते लाहौल से स्पिति और केलंग से लेह के लिए यातायात बंद हो गया है। ताजा बर्फबारी से जिले में ठंड ने दस्तक दे दी है जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई है क्योंकि घाटी में अभी फसल खेतों में ही है। यदि ठंड इसी तरह बढ़ती रही तो फसल के खराब होने का खतरा है। जानकारी के मुताबिक आज कुंजम दर्रे पर चार इंच ताजा हिमपात हुआ है। इस बीच बीते 24 घंटों के दौरान मनाली में सर्वाधिक 97 मिलीमीटर, नादौन में 88, कोठी में 77, धर्मशाला में 57, देहरा गोपीपुर में 54, करसोग में 38, गुलेर में 36, बंजार में 34, नगरोटा सुरियां में 31 और बरठी में 30 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। अन्य स्थानों पर भी व्यापक से भारी वर्षा हुई है। इस बीच मौसम विभाग ने मॉनसून संबंधी गतिविधियों में कल से कमी आने की संभावना जताई है। हालांकि प्रदेश में मॉनसून की वर्षा का क्रम रुक-रुक कर जारी रहेगा।