हिमाचल में आफत की बारिश

13 लापता चार की मौत, जनजीवन अस्तव्यस्त

सरकारी व निजी सम्पत्ति को भारी नुकसान

शिमला, 28 जुलाई। हिमाचल प्रदेश में आसमान से पानी के रूप में बरस रही आफत से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। बीती रात से अब तक राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई है जबकि 13 लोग लापता हैं। इसके अलावा सरकारी व निजी सम्पत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है।

आसमान से बरस रही आफत से लाहौल स्पिति जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। जिले में बादल फटने की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 3 लोगों की मौत हो गई है जबकि 9 लोग अलग-अलग नालों में आई बाढ़ में बह गए हैं। जिले के तोजिंग नाला में आई बाढ़ में सीमा सड़क संगठन का एक मजदूर बह गया जबिक 9 अन्य लोग लापता है। एक अन्य घटना में सीमा सड़क संगठन के दो लोगों की बाढ़ में बहने से मौत हो गई।

लाहौल घाटी में उदयपुर-केलांग संपर्क सड़क बादल फटने से कई नालों में आई बाढ़ के कारण जगह-जगह अवरुद्ध हो गया है। अचानक आई बाढ़ में जाहलमा नाले का पुल भी बह गया है। जिले के अधिकांश हिस्सों में संचार सेवाएं ठप्प हैं। उदयपुर घाटी में जाहलमा, गोहरमा, फुरा, कोठी व रपिरंग गांव भारी वर्षा व बादल फटने की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा केलांग के शक्स, बिलिंग, लौट, शंशा, जाहलमा, कमरिंग व थिरोट नाले में भी बादल फटने से बाढ़ आई है। बाढ़ आने से मनाली-लेह मार्ग अवरुद्ध है। काजा ग्राम्फू मार्ग भी बादल फटने के कारण छोटा दड़ा नाले में आई बाढ़ के कारण बीती रात से बंद है और इस सड़क पर काजा से गाम्फू तथा मनाली से काजा की ओर जा रहे वाहन बातल व छैतडू में फंस गए हैं।

जिले में राहत व बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ को बुलाया गया है तथा सीमा सड़क संगठन ने भी सड़कों को खोलने का काम तेज कर दिया है। हालांकि संचार व्यवस्था ठप्प होने के कारण जिले के सभी हिस्सों से नुकसान की पूरी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है।

उधर कुल्लू जिला की मणिकर्ण घाटी में आज सुबह ब्रह्म नाले में अचानक आई बाढ़ में 4 लोग बढ़ गए। इनकी पहचान मणिकर्ण निवासी पूनम, निकुंज, विजेंद्र और दिल्ली निवासी एक पर्यटक दिनीता के रूप में हुई है। यहां राहत व बचाव दल मौके पर मौजूद है और बाढ़ में बह गए लोगों को ढूंढने का अभियान चल रहा है।

उधर चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज एक व्यक्ति पानी के तेज बहाव में बढ़ गया। इसे तलाश करने के लिए अभियान जारी है। भारी बारिश से अलग-अलग स्थानों पर हुए भूस्खलन के करण मंडी-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है। मनाली के लिए कटौला होकर जाने वाला मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद है।

राजधानी शिमला के कुसुम्पटी क्षेत्र में बाईपास सड़क पर हुए भूस्खलन के कारण एक वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया तथा कुछ अन्य वाहनों को भी नुकसान हुआ है। जिले के ऊपरी क्षेत्र कोटखाई की गुम्मा खड्ड में बादल फटने से आई बाढ़ में कई वाहन गिरी नदी में बह गए। गुम्मा खड्ड पर निर्माणाधीन एक पैदल चलने योग्य पुल भी बाढ़ की चपेट में आकर बह गया। एक पुलिया भी इस खड्ड पर बाढ़ के पानी में बह गई। जिले की आंध्रा नदी और पब्बर नदी भी पूरे उफान पर है।

उधर सिरमौर जिला में भारी बारिश के कारण पांवटा क्षेत्र में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है और सड़कें तालाब बन गई हैं। जनजातीय जिला किन्नौर के रकछम के हुक्का नाले में आई बाढ़ का पानी ग्रामीणों के खेतों में घुस गया जिससे उगड़ा और फाका की फसलें पूरी तरह तबाह हो गई हैं।

इस बीच प्रदेश में बीते रोज से लगातार हो रही व्यापक से भारी वर्षा के चलते सभी छोटे-बड़े नदी-नाले और खड्डें उफान पर है। इस दौरान धर्मशाला में सर्वाधिक 101 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। मौसम विभाग ने आज और कल राज्य के चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला और सोलन जिलों में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी तथा कुछ स्थानों पर अति भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग ने इसे देखते हुए अचानक बाढ़ आने की एडवाइजरी जारी की है और लोगों को नदी-नालों के पास न जाने तथा सुरक्षित स्थानों पर ही रहने को कहा गया है। भारी से बहुत भारी वर्षा के मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए मंडी, कुल्लू, लाहौल स्पिति, किन्नौर, शिमला, सिरमौर, सोलन और कांगड़ा जिला प्रशासनों ने भी एडवाइजरी जारी की है।