हिमाचल विधानसभा का माॅनसून सत्र हंगामे के साथ आरंभ नियम 67 के तहत चर्चा न मिलने पर विपक्ष का सदन से वाॅकआउट

हिमाचल विधानसभा का माॅनसून सत्र हंगामे के साथ आरंभ नियम 67 के तहत चर्चा न मिलने पर विपक्ष का सदन से वाॅकआउट

शिमला,18 सितम्बर। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का माॅनसून सत्र हंगामे के साथ आरंभ हुआ। विपक्ष दल भाजपा ने नियम-67 के तहत लाए गए उसके काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति न मिलने से नाराज होकर पहले सदन में जोरदार हंगामा किया फिर सदन से वाॅकआउट कर दिया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने वाॅकआउट से पहले नियम-67 पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हिमाचल में इस समय सबसे बडी त्रासदी से गुजर रहा हैं। ऐसे में सरकार को प्रदेश की जनता की भावना को समझते हुए नियम-67 के तहत चर्चा की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नियम-102 के तहत प्रदेश में आई आपदा पर गंभीरता से चर्चा नहीं हो सकती इसलिए काम रोका प्रस्ताव के तहत चर्चा होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आई आपदा से हजारों लोग बेघर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुददे पर चर्चा के लिए सरकार का सहयोग करने को तैयार है क्योंकि चर्चा से ही रास्ते निकलते हैं। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष कुलदपी सिंह पठानियां ने व्यवस्था दी कि उन्हें पहले ही सरकार की और से नियम-102 के तहत आपदा पर चर्चा के लिए सूचना मिली है और उन्होंने इसकी अनुमति भी दे दी है, इसलिए नियम-67 के तहत अलग से चर्चा की जरूरत नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष की और से काम रोको प्रस्ताव का नोटिस आज ही मिला है और इसका विषय भी सरकार के प्रस्ताव के समान ही है। विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था की दी वह विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव को सरकारी प्रस्ताव के साथ ही संलग्न कर रहे हैं। इस दौरान विपक्ष अपनी मांग पर अडा रहा और जब उसे नियम-67 के तहत चर्चा की अनुमति नहीं मिली तो पहले पूरा विपक्ष अपनी सीटों पर नारेबाजी करता रहा और फिर कुछ देर बाद सदन से वाॅकआउट कर बाहर चला गया। इसी मुद्दे पर भाजपा के विधायक विपिन सिंह परमार और राकेश जम्वाल ने भी अपना पक्ष रखा। बाॅक्स… आपदा पर राजनीति कर रही है भाजपा संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चैहान ने विपक्ष के काम रोको प्रस्ताव का यह कहते हुए विरोध किया कि भाजपा आपदा पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह गंभीर है और इसलिए सत्र के पहले ही दिन नियम-102 के तहत चर्चा भी रखी है। उन्होंने कहा कि आज की कार्यसूची में यह चर्चा आने के बावजूद विपक्ष द्वारा नियम-67 के तहत कामरोको प्रस्ताव का नोटिस देना गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर विस्तृत नोटिस विधानसभा को दिया है, जबकि विपक्ष का नोटिस राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सुर्खियों में बने रहने के लिए नियम-67 के तहत चर्चा की मांग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आपदा में सरकार ने जिस गंभीरता से काम किया है उसकी भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और विश्व बैंक समेत नीति आयोग ने भी प्रशंसा की है।