महेंद्र सिंह शिक्षकों के दबाव के आगे झुके, शब्द वापिस

शिक्षकों पर टिप्पणी प्रकरण

महेंद्र सिंह शिक्षकों के दबाव के आगे झुके, शब्द वापिस

शिमला, 6 जुलाई। शिक्षकों पर दिए बयान के तूल पकड़ने के बाद जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर बैकफुट पर आ गए हैं। महेंद्र सिंह ठाकुर ने आज शिक्षकों को लेकर दिए बयान के बारे में स्थिति साफ करते हुए अपने शब्द वापिस लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि किसी को आहत करने की उनकी मंशा कतई नहीं, बावजूद इसके अगर कोई उनके शब्दों से आहत हुआ है तो वह शब्दों को वापस लेते हैं।

शिमला में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में जल शक्ति मंत्री ने कहा कि जयराम सरकार सदैव शिक्षकों की हितैषी रही है। कांग्रेस सरकार ने कई श्रेणियों के शिक्षकों को मजधार में छोड़ दिया था। मंत्रिमंडल की बैठक में उन्होंने पीटीए, पैरा व पैट शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने व अन्य मुद्दों को लेकर वकालत की।

मंडी संसदीय क्षेत्र से भाजपा टिकट पर चुनाव मैदान में उतरने बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें फिलहाल मंडी लोक सभा सीट का प्रभारी बनाया है। वह रेणुका तथा पच्छाद विधान सभा सीटों के प्रभारी भी पहले रह चुके हैं। भाजपा में प्रत्याशी को लेकर प्रदेश व राष्ट्रीय संगठन निर्णय लेता है। फिलहाल वह प्रभारी के तौर पर मंडी संसदीय सीट पर भाजपा उम्मीदवार की जीत के लिए काम कर रहे हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कुल्लू दौरे को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि नड्डा ने कुल्लू में पार्टी नेताओं के साथ उपचुनाव के मुद्दे पर मंथन किया। उन्होंने बैठक में मंडी के साथ-साथ फतेहपुर व जुब्बल कोटखाई सीट पर जीत का मंत्र कार्यकर्ताओं व नेताओं को दिया।

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि कोरोना संकट की वजह से समूचे विश्व की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित होने का असर पैट्रोल व डीजल की कीमतों पर पड़ा है। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। लिहाजा वह महंगाई को मुद्दा बना रही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सेब की पैकिंग में कौन-सा कार्टन इस्तेमाल करना है इसका निर्णय बागवान व किसानों ने करना है। बाजार में कार्टन के दाम बेशक बढ़े हैं, मगर सरकार ने इन्हें कम करवाने की कोशिश की है।