शिमला. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मिशन 2022 को कामयाब करने की सियासी कसरत शुरु कर दी है। बीते कल विधायक दल की बैठक में भी मिशन को कामयाब करने पर मंथन हुआ। मिशन में कामयाब होने के लिए मुख्यमंत्री कांगड़ा जिला को संभालने की कवायद में जुट गए हैं। कांगड़ा जिला प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है, जहां विधानसभा की एक दर्जन से अधिक सीट हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कल विधायक दल की बैठक के बाद आज अपने निवास ओकओवर में कांगड़ा जिला के भाजपा विधायकों संग अलग से बैठक की। जिसमें मंत्री सरवीन चौधरी, विक्रम ठाकुर, रमेश ध्वाला, राकेश पठानिया, विशाल नैहरिया सहित सभी विधायकों ने भाग लिया। प्रदेश में सरकार बनने पर कांगड़ा जिला से चार और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से तीन मंत्री बनाए गए। लेकिन किशन कपूर के सांसद बनने और विपिन परमार के विधानसभा अध्यक्ष बनने से दो मंत्री पद रिक्त हो गए। कांगड़ा कोटे से दो मंत्री पद रिक्त चल रहे हैं जिससे कांगड़ा को नुकसान हो रहा है। मंत्रीमंडल विस्तार न हो पाने के कारण दो मंत्री नहीं बन पाए जिससे तय है कि कांगड़ा में विकास प्रभावित हुआ है। जिससे भाजपा विधायकों में चिंता भी है। कांगड़ा से राकेश पठानिया और रमेश ध्वाला को मंत्री बनाए जाने की चचाएं होती रहीं लेकिन अभी तक शपथ नहीं हो सकी, जिसको लेकर भी कांगड़ा के विधायकों के बीच अंदरखाते मंत्री बनाने की मांग उठ रही हे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांगड़ा के विधायकों के साथ आज बैठक कर मिशन 2022 को कामयाब बनाने को लेकर चर्चा की। सभी क्षेत्रों में किए गए विकास और कराए जाने वाले कार्यों के बारे में विधायकों से चर्चा की। विधायकों ने भी अपनी चिंता से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर संभव प्रयास करेगी कि कांगड़ा की हर विधानसभा क्षेत्र में रुके कार्य जल्द पूरे किए जाएं जो जनता से वायदा किया गया है, उसे पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा कि वह केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं को जनता के बीच प्रचार करें जिससे अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं को फायदा उठा सकें। विधायकों को इस बात की चिंता है कि कोरोना संकट के कारण विधायक निधी रोक दी गई है जिससे उनके विधानसभा क्षेत्र का विकास भी प्रभावित होगा। वह जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं के आधार पर फंड का आबंटन विधायक निधी से कर देते थे लेकिन अब वह संभव नहीं हो पाएगा। जिससे विकास को लेकर आर्थिक संकट का भी सामना करना होगा।