केंद्र सरकार के सेब पर आयात मूल्य तय होने से लाखों बागवानों को मिलेगा लाभ : संजीव देष्टा
किसान मोर्चा महामंत्री ने जताया पीएम मोदी सहित पूर्व सीएम का आभार
केंद्र सरकार ने सेब पर न्यूनतम आयात मूल्य 50 रुपये प्रतिकिलो तय किया है। इससे हिमाचल सहित अन्य किसानों और बागवानों को इसका लाभ मिलेगा। किसान मोर्चा लगातार प्रदेश सरकार चाहे वे पूर्व की प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की सरकार रही हो या फिर ठाकुर जयराम की, ये मांग केंद्र सरकार से उठा रहा था। इस चिरलंबित मांग को पूरा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना किया वादा पूरा किया है। इससे लाखोंकिसानों और बागवानों को तो लाभ होगा ही साथ ही उनकी आय में भी वृद्धि होगी।हिमाचल किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री संजीव देष्टा ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और जयराम ठाकुर का भी आभार व्यक्त किया है। इनके अथक प्रयासों से ये मांग पूरी हो पाई है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी सदैव किसानों और बागवानों के पक्ष में रहे हैं। इनके हितों को हमेशा ध्यान में रखा है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय भी ये मांग उठती रही है। उसके बाद कांग्रेस ने इस मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।देष्टा ने कहा कि आयात मूल्य तय होने से विदेश से आने वाला सेब महंगा हो जाएगा, जिससे हिमाचली सेब को अच्छे दाम मिलेंगे। पहले विदेशी सेब सस्ता होने के कारण हिमाचली सेब को खरीददार नहीं मिलते थे। अब ऐसा नहीं होगा। इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे देश के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र ने आयात नीति में संशोधन कर 50 रुपये न्यूनतम आयात मूल्य पेश किया है।
देष्टा ने कहा कि विदेशी सेब के कारण हिमाचल के सेब उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा था। ईरान और तुर्की का सेब भारत में औसतन 20 से 25 रुपये के दाम पर आयात होता था।अब तक इस पर 50 फीसदी आयात शुल्क लगता था। 20 रुपये पर 10 रुपये आयात शुल्क जोड़कर 30 रुपये प्रतिकिलो दाम पर विदेशी सेब बाजारों में पहुंचता था।
अब प्रतिकिलो न्यूनतम 50 रुपये आयात मूल्य तय किया गया है। इससे 20 से 25 रुपये में आयात होने वाले सेब की कीमत 70 से 75 रुपये हो जाएगी।