सयुक्त किसान मोर्चा की हर भारतीय से 27 सितंबर को आयोजित ऐतिहासिक भारत बंद में शामिल होने की अपील

सयुक्त किसान मोर्चा की हर भारतीय से 27 सितंबर को आयोजित ऐतिहासिक भारत बंद में शामिल होने की अपील
हम उन करोड़ों अन्नदाताओं की ओर से आपको लिख रहे हैं जो शांतिपूर्ण ढंग से किसान-विरोधी, कॉरपोरेट-हितैषी उन तीन केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं जिन्हें केंद्र सरकार अन्नदाताओं पर अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक तरीके से थोप रही है। जैसा आपको पता है, यह ऐतिहासिक संघर्ष इन तीन कानूनों को खत्म करने व सभी किसानों व कृषि उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की वैधानिक गांरटी का कानून बनाने के लिए है। यह आंदोलन अब हमारी अर्थव्यवस्था के कॉरपोरेट कैप्चर के खिलाफ तथा राष्ट्रीय सम्पदा, संघात्मक ढांचे व भारत की एकता की रक्षा और भारतीय लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए जारी राष्ट्रीय अभियान के केंद्र में आ गया है।
इस ऐतिहासिक संघर्ष के दस महीने पूरे होने के अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर, सोमवार, को किसान-विरोधी मोदी सरकार के खिलाफ भारत बंद की अपील की है। उस दिन सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में सब कुछ बंद किया जाएगा: सारे सरकारी व निजी कार्यालय, सभी शैक्षणिक व अन्य संस्थान, सारे दुकान, उद्योग व वाणिज्यिक संस्थान, सभी सार्वजनिक इवेंट व कार्यक्रम। सार्वजनिक व निजी यातायात भी इस दौरान रूक जाएँगे। लेकिन सभी आपातकालीन व आवश्यक सेवाएँ जैसे अस्पताल, मेडिकल स्टोर, राहत व बचाव कार्य और इमरजेंसी में फँसे लोग इस बंद के दायरे से बाहर होंगे। जाहिर है कि यह बंद शांतिपूर्ण व बिना किसी दवाब के लागू किया जाएगा। बंद के आह्वान को समाज के सभी वर्गों का पहले ही उत्साहपूर्ण समर्थन मिल रहा है।
संयुक्त किसान मोर्चा हर भारतीय से अपील करता है कि इस राष्ट्रव्यापी बंद में शामिल होकर इसे सफल बनाएँ। हम मजदूर, व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, व्यवसायी, छात्र, युवा और महिला संगठनों तथा सभी सामाजिक आंदोलनों से विशेष अपील करते हैं कि वो बंद के दिन किसानों का समर्थन करें। हम सभी राजनीतिक दलों व राज्य सरकारों का भी आह्वान करते हैं, जिनमें से कईयों ने हमारे पहले के कई घोषणाओं का समर्थन किया है और किसान आंदोलन के समर्थन में प्रस्ताव पास किए हैं, कि वो भारत बंद को अपना समर्थन दें और लोकतंत्र और संघीय ढांचे की रक्षा में किसानों के साथ खड़े हों। हमारी स्थापित नीति के अनुसार राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि को संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से बोलने नहीं दिया जाएगा।
हम सभी किसानों, किसान संगठनों व किसानों के शुभचिंतकों से आग्रह करते हैं कि वो एकजुट होकर इस अपील को अधिक से अधिक लोगों से साझा करें और उपरोक्त संगठनों के साथ मिलकर इस एतिहासिक भारत बंद की योजना बनाएं और इसे सफलतापूर्वक लागू करें।