हर विधानसभा क्षेत्र में खुलेगा जल शक्ति विभाग का डिवीजन
शिमला, 9 सितंबर। हिमाचल प्रदेश जल शक्ति विभाग में अपने एरिया ऑफ ऑपरेशन से बाहर जाकर काम करने वाले अधिकारी जल्द ही नपेंगे। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सोमवार को विधानसभा में नियम 62 के तहत विधायक पवन काजल द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के उत्तर में कहा कि विभाग के जिन अधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर डंगे लगाए हैं, सड़कें बनाई हैं और शमशान घाटों का निर्माण किया है, ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी और यदि जरूरी हुआ तो इन कार्यों का पैसा संबंधित अधिकारियों के वेतन से काटा जाएगा। उन्होंने विभाग के अधिकारियों द्वारा करवाए गए ऐसे सभी कार्यों का भुगतान रोकने की भी घोषणा की। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सड़कें बनाना, डंगे लगाना और शमशान घाट बनाना जलशक्ति विभाग का काम नहीं है। उन्होंने कहा कि उठाऊ पेयजल योजना दौलतपुर जलाड़ी, समेला तथा सकोट के निरीक्षण के दौरान बह गए कनिष्ठ अभियंता के परिजनों को सभी नियमों में छूट देकर नौकरी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इन दोनों योजनाओं का अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है और जल्द ही इनका लोकार्पण कर दिया जाएगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र में जल शक्ति विभाग का एक-एक डिवीजन खोलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के 64 विधानसभा क्षेत्रों में पहले ही इस तरह के डिवीजन खोले जा चुके हैं और चार ही शेष बचे हैं। इनमें कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र भी शामिल हैं और यहां डिवीजन खोलना सरकार के विचाराधीन है, जिसे जल्द मूर्त रूप दिया जाएगा। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में जल जीवन मिशन के तहत लगभग 5500 करोड़ रुपए की पाइपें खरीदी गई। ये पाइपें गुणवत्ता पर अच्छी नहीं उतर रही, ऐसी शिकायतें आ रही हैं, लेकिन वे इसकी जांच में नहीं जाना चाहते और आगे बढ़कर काम करने में विश्वास रखते हैं और इस दिशा में काम कर रहे हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के तहत 28 पेयजल योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है और 10 पेयजल योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत जल जीवन मिशन के तहत 24.07 करोड़ की कुल 10 योजनाओं की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनमें से 8 योजनाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है व 2 योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। इन योजनाओं के अधीन 6096 घरों में नल लगाने प्रस्तावित थे, जोकि लगा दिए गए हैं। इन योजनाओं पर लगभग 22.22 करोड़ खर्च हो चुके हैं। वर्ष 2024-25 में लगभग 1.80 करोड़ व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांगड़ा एसटीपी के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपए अवार्ड कर दिए गए हैं। इससे पूर्व, विधायक पवन काजल ने कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में पेयजल योजनाओं के कारण हो रही असुविधाओं का मामला उठाया और कहा कि कांगड़ा के लिए 18 करोड़ रुपए की पेयजल योजना बनकर तैयार है,लेकिन इसका स्रोत कहां है, इसका पता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस योजना से कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के 18 गांवोंं को 24 घंटे पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाना है। उन्होंने कहा कि ऐसा और भी योजनाओं पर भी हो रहा है और योजनाओं के स्रोत का पता नहीं है।