हिमाचल में उपचुनाव
उपचुनाव के लिए धुआंधार चुनाव प्रचार जारी
उपचुनाव के लिए आज थम जाएगा प्रचार का शोर
शिमला, 26 अक्तूबर। हिमाचल प्रदेश में 30 अक्तूबर को होने वाले एक लोकसभा और तीन विधानसभा उपचुनाव के लिए अब महज तीन दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में उपचुनाव के लिए प्रचार पूरे चरम पर है और सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशी तथा स्टार प्रचारक और निर्दलीय उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत पक्का करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। चुनाव प्रचार का कल आखिरी दिन है और कल सायं छह बजे प्रदेश में हो रहे चारों उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा। इस बार मतदान से तीन दिन पहले ही सक्रिय चुनाव प्रचार थमने जा रहा है क्योंकि केंद्रीय चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार की अवधि तीन दिन कम करने का फरमान सुनाया है।
इस बीच प्रदेश में आज इन चारों उपचुनाव के लिए दोनों प्रमुख दलों कांग्रेस और भाजपा के स्टार प्रचारकों ने दिन भर एक के बाद एक रैलियां कर अपने-अपने पक्ष में चुनावी हवा बनाने का प्रयास किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज कुल्लू और मंडी जिलों में चुनाव प्रचार की कमान संभाली। जयराम ठाकुर ने इस दौरान आज भी कांग्रेस को अपने निशाने पर रखा और कहा कि सत्य और तक पर बात करे तथा लोगों की भावनाओं को ठेस न पहुंचाए। जयराम ठाकुर ने विभिन्न चुनावी जनसभाओं को संबोधित करते हुए अपने सरकार के काम गिनाए और कहा कि पूरे देश सहित हिमाचल दो साल से कोरोना महामारी से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने विकास की रफ्तार को नहीं रुकने दिया तथा कोरोना काल में भी वर्चुअल माध्यम से बड़ी संख्या में वर्चुअल उद्घाटन व शिलान्यास किए। जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी सरकार का दो साल का कार्यकाल कोरोना में ही निकल गया लेकिन अभी भी सरकार का एक साल का कार्यकाल शेष है और इस दौरान विकास का प्रयास किया जाएगा।
जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दु:ख इस बात का है कि कांग्रेस 50 साल तक सत्ता में रही लेकिन उसने गरीब लोगों के इलाज के लिए कोई काम नहीं किया। मुख्यमंत्री ने महंगाई पर केंद्र और प्रदेश सरकार का बचाव करते हुए कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना को रोक सकते हैं तो महंगाई भी रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई चिंता का विषय है और इसे कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन हमें ये भी ध्यान रखना होगा कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है। ऐसे में महंगाई का बढ़ना लाजमी है।