तस्करी एवं जालसाजी के विरुद्ध सख्त कदम उठाना जरूरी:बिमल गुप्ता
‘जालसाजी एवं तस्करी से बचाव’ विषय पर आयोजित वर्चुअल कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम फॉर पुलिस ऑफिसर आयोजित
शिमला ,1 दिसंबर: हिमाचल प्रदेश पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज के डीआईजी एवं प्रिंसिपल श्री बिमल गुप्ता ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था के भाग के तौर पर भारत के लिए यह जरूरी हो गया है कि तस्करी एवं जालसाजी जैसी गलत गतिविधियों के विरुद्ध सख्त एवं प्रभावी कदम उठाए। अर्थव्यवस्था को तबाह कर रही तस्करी एवं जालसाजी जैसी गतिविधियों के खिलाफ कमेटी, फिक्की कास्केड द्वारा ‘जालसाजी एवं तस्करी से बचाव’ विषय पर आयोजित वर्चुअल कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम फॉर पुलिस ऑफिसर के दौरान श्री गुप्ता ने कहा, अपराधियों ने कोविड-19 महामारी की ओट में जाली चिकित्सकीय उत्पादों, धोखाधड़ी एवं साइबर अपराधों के जरिये उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है।
फिक्की कास्केड के एडवाइजर एवं दिल्ली पुलिस के पूर्व विशेष आयुक्त श्री दीप चंद ने कहा, अवैध कारोबारी अर्थव्यवस्था से गैरकानूनी उद्योग को बढ़ावा मिल रहा है। इससे आतंकवाद समेत विभिन्न संगठित अपराधों के रूप में समाज का अपराधीकरण बढ़ रहा है। क्षमता निर्माण कार्यक्रम का लक्ष्य पुलिस अधिकारियों को जाली एवं तस्करी कर लाए हुए उत्पादों के प्रभाव की गंभीरता समझने एवं इसे लेकर जागरूकता के महत्व के प्रति संवेदनशील बनाना है।
फिक्की कास्केड के सलाहकार एवं केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व चेयरमैन श्री पीसी झा ने कहा, भारत में बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है, जिससे न केवल वैध उद्योगों एवं अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है, बल्कि उपभोक्ताओं के जीवन एवं सुरक्षा पर गंभीर खतरा भी पैदा हो रहा है। हिमाचल प्रदेश के पुलिस अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि लगातार संघर्ष के बावजूद प्रवर्तन अधिकारियों ने तस्करों, जालसाजों, कर चोरों एवं तस्करी करने वालों को पीछे धकेलने के प्रति प्रतिबद्धता जताई है। कार्यक्रम के दौरान क्षमता निर्माण को लेकर कुछ अहम बातें सामने आईं, जिनमें अपराधों की जांच एवं अपराधियों को पकड़ने की व्यवस्था में सुधार के लिए प्रवर्तन एजेंसियों में कौशल विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं टेक्नोलॉजी बेहतर करने की बात कही गई। साथ ही अतिरिक्त मैनपावर, समर्पित आर्थिक अपराध शाखा, बार-बार होने वाले अपराधों को गैर जमानती अपराध की श्रेणी में रखने, कठोर कारावास, सख्त आर्थिक दंड समेत विभिन्न कदमों पर भी जोर दिया गया। इस दौरान आईटीसी और जॉनसन एंड जॉनसन के प्रतिनिधियों ने उद्योग के समक्ष आने वाली परेशानियों को सामने रखा और ऐसे अपराधों को रोकने के लिए पुलिस के साथ साझा कदमों की जरूरत पर बात की। क्षमता निर्माण कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से हिमाचल प्रदेश पुलिस के कई अधिकारियों ने हिस्सा लिया। फिक्की कास्केड द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों का उद्देश्य पुलिस अधिकारियों को भारतीय अर्थव्यवस्था पर जाली एवं तस्करी कर लाए हुए उत्पादों के दुष्प्रभाव की गंभीरता एवं लगातार जागरूकता को लेकर संवेदनशील बनाना है।